सोशल मीडिया पर कभी-कभी कुछ ऐसे मामले सामने आ जाते है, जो सभी को हैरान कर देता है। एक ताजा मामले से सभी को इस वजह से सोचने को मजबूर कर दिया है, क्योकि दावा किया जा रहा था कि महिला जिसकी उम्र 76 साल है, वो पहले मर गई पर वो ताबूत के अंदर जिंदा पाई गई। अब इस मामले ने बड़े सवाल को पैदा कर है सबसे पहला कि क्या इस बात की जानकारी उन डॉक्टरों को नहीं थी, जिन्होंने उस महिला को मारा हुआ साबित कर दिया।
मामला इक्वाडोर का है जहां की एक बुजुर्ग महिला, जिसने पहले एक ताबूत के अंदर जीवित पाए जाने पर सुर्खियां बटोरी थीं, अब वास्तव में मर गई है। महिला का नाम बेला मोंटोया है जिनकी उम्र 76 साल है। उनके बेटे गिल्बर्ट बारबेरन ने कहा उनकी माँ को एक सप्ताह के लिए गंभीर देखभाल के बाद अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों बाद ही अंतिम सांस ली थी। महिला को मार्टिन इकाज़ा जनरल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था, जब वह जागते समय अपने ही ताबूत को पीटती हुई पाई गई थी।
जैसे ही ताबूत खुला, महिला ने हवा के लिए हांफना शुरू कर किया और अपना हाथ हिलाने लगी। इक्वाडोर के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा “अस्पताल में रहने के दौरान, उन्हें अस्पताल के विशेषज्ञों से देखभाल और समय-समय जानकारी मिली थी, तभी इस मामले में मेडिकल ऑडिट किया गया था”। आपको बता दे इससे पहले मोंटोया को दौरा पड़ने के बाद भर्ती कराया गया था और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।
उनके बेटे बारबेरन ने बताया कि उन्हें दूसरी बार सिविल रजिस्ट्री में अपनी मां की मौत दर्ज करनी पड़ी। उनकी बेटी जेनिडा लील ने बताया कि मोंटोया की तबीयत बिगड़ती जा रही थी। लील ने कहा “डॉक्टर ने कहा कि मेरी माँ बीमार थी, कि वह बहुत नाजुक थी, कि वह गुर्दे की विफलता से पीड़ित थी, कि उसे बचाया नहीं जा सकता था क्योंकि सब कुछ जटिल हो रहा था।” वहां की स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मोंटोया की मौत की जांच पहले से ही जारी है और इसमें अब तेजी लाई जा रही हैं।