हमें नहीं पता कि अंतरिक्ष के ब्रह्मांड को समझने में कितने साल लगे हैं या कितने साल लगेंगे। ऐसा इसीलिए हैं क्योंकि यह अंतरिक्ष वाली दुनिया पूरी तरह से अजीबोगरीब रहस्यों और बहुत से चमत्कार से भरी हुई हैं।
इस विषय पर आए दिन स्पेस एजेंसियां बहुत सी खोज करती हैं, नई-नई जानकारियां उन्हें मिलती हैं। लेकिन इसके बावजूद भी वह कम ही रहती हैं। इसी कड़ी में भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने भी अहम डेटा ट्रांसमिट करना शुरू कर दिया है। उनमें से एक चंद्रमा का तापमान है, जो अनुमान से काफी अधिक साबित हुआ है।
चाँद का तापमान उम्मीद से ज्यादा गर्म
सौरमंडल का पांचवा सबसे बड़ा उपग्रह चंद्रमा है। यहां भेजे गए चंद्रयान-3 के मुताबिक चंद्रमा उम्मीद से 70 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म है। यह सौर मंडल के उपग्रह से संबंधित है। आइए, आज हम आपको उन नौ ग्रहों का तापमान बताते हैं जहां इंसान जीवन जीने की खोज में लगा हुआ हैं।
अंतरिक्ष के 9 ग्रहों का तापमान
15 फरवरी, 2022 को जारी नासा प्लैनेटरी फैक्ट शीट दस्तावेज़ के अनुसार, वर्तमान में अंतरिक्ष में मौजूद नौ ग्रहों का तापमान एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। कुछ इसे जमा देने में सक्षम हैं, जबकि अन्य इसे जलाने में सक्षम हैं। केवल पृथ्वी पर ही ऐसा वातावरण और तापमान है जो इसे रहने योग्य बनाता है। पृथ्वी पर जीवन के लिए आदर्श तापमान 15 डिग्री सेंटीग्रेड (59 डिग्री फ़ारेनहाइट) है। दूसरे ग्रह मंगल पर वैज्ञानिक जीवन के संकेत तलाश रहे हैं।
आपको बता दें कि वहां बहुत ठंड होती है – तापमान -65 डिग्री सेंटीग्रेड (-85 डिग्री फ़ारेनहाइट) होता है। बृहस्पति पृथ्वी से 110 डिग्री सेल्सियस अधिक ठंडा है। इ। -166°F, जबकि सबसे आकर्षक दिखने वाले ग्रह शनि का तापमान -140°C (-220°F) है। चूँकि सातवें ग्रह यूरेनस का तापमान -195 डिग्री सेल्सियस है, इसलिए इसे “बर्फ का गोला” कहा जाता है। इ। -320°F. यही बात नेप्च्यून और प्लूटो पर भी लागू होती है, जिनका तापमान क्रमशः -200 और -225 डिग्री सेल्सियस है। सीधे शब्दों में कहें तो इस क्षेत्र में प्रवेश करना संभव नहीं है।
इन ग्रहों का तापमान झेल नहीं सकता इंसान
ये तो ग्रहों का मामला है जहां का तापमान ज़माने लायक हैं। इसके अतिरिक्त सौरमंडल में दो अतिरिक्त ऐसे ग्रह भी हैं, जहां खड़े होने की आप कल्पना भी नहीं कर सकते। ये दो ग्रह हैं Venus और Mercury, जहां Mercury की सतह का तापमान 167 डिग्री सेंटीग्रेड है। Venus, जहां तापमान 464 डिग्री सेल्सियस है। यह जगह सूर्य के इतना करीब है और इसमें सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड है कि यहां खड़े होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती।