लड़की जिस व्यक्ति को समझ रही थी अपना पिता, असलियत तो थी कुछ और, 36 साल के बाद राज़ से उठा पर्दा! - Punjab Kesari
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लड़की जिस व्यक्ति को समझ रही थी अपना पिता, असलियत तो थी कुछ और, 36 साल के बाद राज़ से उठा पर्दा!

एक बच्ची जिसका नाम टिफनी हैं उसका पूरा बचपन एक ऐसे व्यक्ति को अपना पिता मैंने में निकल

ज़रा सोचिये जिसे आप बचपन से अपना पिता समझते हो उनके साथ खेले हो कूदे हो ज्ञान और समझ कि बाते सीखी हो क्या जब आपको पता चले कि जिनके साथ आपने इतना लम्बा समय व्यतीत किया असल में वह आपके पिता थे ही नहीं. जिनके कंधों पर खेला हो. उंगलियां पकड़कर चलना सीखा हो. वर्षों बाद अगर पता चल जाए कि यह सबकुछ झूठ था. सच तो कुछ और ही है. 
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ब्रिटेन की टिफनी गार्डनर के साथ यही हुआ. टिफ़नी यह मानते हुए बड़ी हुईं कि जब वह छोटी थीं तभी उनके जैविक पिता की कैंसर से मृत्यु हो गई थी. यह एक ऐसा तथ्य था जिस पर उसने कभी सवाल नहीं उठाया. आख‍िरकार उनकी मां ने यह कहानी बताई थी. लेकिन 36 साल बाद जब हकीकत सामने आई तो टिफनी शॉक्‍ड रह गईं.
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टिफनी ने मिरर को बताया कि उसका पालन-पोषण उसकी मां और सौतेले पिता ने किया. उसे इस बात की कभी जरूरत महसूस नहीं हुई कि वह DNA test कराए. लेकिन दिमाग में हमेशा एक बात परेशान करती थी कि आख‍िर मेरे पिता कैसे होंगे. उसका कौन सा गुण मुझसे मिलता होगा. अगर वे जिंदा होते तो मेरे साथ उनका रिश्ता कैसा होता. तीन दशकों तक इसी सोच में बिता दिए. फ‍िर एक दिन ऐसी हकीकत सामने आई कि सब शॉक्‍ड रह गए. टिफनी को पता चला कि यह सबकुछ झूठ था. उसके जैविक पिता वह थे ही नहीं, जिसे मां बताया करती थीं. वह कोई और था.
अज्ञात स्‍पर्मडोनर से मां हो गई प्रेग्‍नेंट
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वर्ष 2018 में टिफनी को पता चला कि एक अज्ञात स्‍पर्मडोनर से उसकी मां प्रेग्‍नेंट हुईं थीं और मां ने 36 साल तक यह बात छुपाकर रखी. वह भी इसल‍िए क्‍योंकि उनके पहले पत‍ि चाहते थे कि मुझे इसका रहस्‍य पता न चलने पाए. उनकी कैंसर से उस वक्‍त मौत हो गई थी जब टिफनी महज 4 साल की थीं. मां अपने पत‍ि से किए वादे को अंत तक निभाना चाहती थीं. इसल‍िए कभी इसका जिक्र टिफनी के सामने नहीं किया.
बांझपन के मरीजों के साथ होता था यह खेल
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टिफनी ने कहा, मेरे तथाकथ‍ित पिता कभी नहीं चाहते थे कि दुनिया को पता चले कि मैं उनकी बेटी नहीं हूं. बता दें कि 1982 में डॉक्टरों बांझपन के मरीजों को किसी का भी स्‍पर्म दे देते थे और वह प्रेग्‍नेंट हो जाती थी. टिफनी की मां के साथ भी यही हुआ. टिफनी ने कहा, जब मां ने मुझे मेरे जन्‍मदिन से ठीक पहले बताया तो ऐसा लगा कि मैं पीछे की ओर गिर रही हूं. मैं पूरी तरह से सदमे में थी. मेरी दादी भी यह सच्‍चाई नहीं जानती थीं. इसीलिए मुझे इतने दिनों तक पता नहीं चला. हालांकि बाद में मुझे समझ में आ गया कि मां ने यह रहस्‍य इतने लंबे समय तक क्‍यों छुपाए रखा.

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