वो कहते हैं न सबसे पहला आपका रिश्तेदार आपका पडोसी ही होता हैं क्योकि एक बार को दूर बैठे हुए रिश्तेदार अपने बुरे समय में उतने टाइम से नहीं पहुंच पाएंगे जितने टाइम से आपका पडोसी आपकी मदद करने पहुंच जायेगा. इसलिए हमेशा अपने पडोसी से बनाकर रखनी पड़ती हैं उनसे प्यार से बोलना पड़ता हैं वो कहते हैं न प्यार से कही गई कड़ी बात भी इंसान को बुरी नहीं लगती है.
इस बात का सबूत हाल ही में एक परिवार ने बेंगलुरु में दिया जिन्होंने अपने पड़ोसी को प्यार से चेतावनी देकर गाड़ी को अलग जगह पार्क करने के लिए कहा. बेंगलुरु शहर (Bengaluru neighbour write note to remove car) आईटी हब के तौर पर जाना जाता है, यहां पर लोग लड़ाई-झगड़े से ज्यादा इनोवेशन में दिमाग लगाते हैं, ऐसे में इस तरह का कदम अगर इस शहर में कोई उठाता है, तो हैरानी की बात नहीं है.
चलिए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है. ट्विटर यूजर शुभाशीष दास ने हाल ही में एक ट्वीट किया है जो वायरल हो रहा है. ये ट्वीट बेंगलुरु में एक कार पर चिपके नोट से जुड़ा है. इस नोट को एक पड़ोसी ने दूसरे पड़ोसी (Neighbour write note to man for removing car) के नाम लिखा है. नोट को पढ़कर आपको समझ आएगा कि सामने वाले से गुस्सा भी जाहिर किया गया है, उसे चेतावनी भी दी गई है और अपनी बात को प्रेम से भी कह दिया गया है. फोटो शेयर करते हुए शुभाशीष ने लिखा- आज मुझे ये बेंगलुरु के कोरमंगला में देखने को मिला.
कार पर चिपकाया नोट
ट्वीट में एक कार के कांच पर नोट चिपका दिख रहा है जिसमें अंग्रेजी में कुछ लिखा है. उस नोट में लिखा है- “कृपया अपनी कार को यहां पार्क ना करें. हमने पहले भी आपसे अनुरोध किया था कि अपनी गाड़ी को यहां नहीं पार्क किया करें. कृपया समझने की कोशिश करें कि हम इस एरिया में साल 2000 से रह रहे हैं. हमारे पास दो कारें हैं जिसकी पार्किंग के लिए हमें ये जगह चाहिए. कृपया अपने पुराने पार्किंग स्पॉट पर चले जाएं और वहीं गाड़ी खड़ी किया करें. आइए मिलकर अच्छे और एक दूसरे की मदद करने वाले पड़ोसी बनें.” नोट के नीचे नाम लिखने की जगह लिखा है- “धन्यवाद, आपका पड़ोसी.”
ट्वीट हो रहा है तेज़ी से वायरल
अगर ये कोई और शहर होता, तो निश्चित तौर पर पार्किंग को लेकर लड़ाई हो जाती. ट्वीट को 1 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं जबकि कई लोगों ने कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक ने कहा कि अभी अगर ये दिल्ली होता तो लोगों के बीच हिंसा शुरू हो जाती. एक ने कहा- गुरुग्राम होता तो कांच तोड़कर सीट पर रखा होता सेम नोट.