इस गांव को कहा जाता है स्लीपी हॉलो, चलते-फिरते, बातें करते अचानक सो जाते हैं यहां के लोग - Punjab Kesari
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इस गांव को कहा जाता है स्लीपी हॉलो, चलते-फिरते, बातें करते अचानक सो जाते हैं यहां के लोग

कजाकिस्तान के कलाची गांव की एक अनोखी और कुछ हद तक अजीब पहचान है। इस गांव के लोग

दुनिया में मौजूद हर देश की अपनी एक खास पहचान होती है। हर देश में एक अलग कल्चर फॉलो किया जाता है। हर देश की अपनी संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज, धार्मिक और सामाजिक चीजें देखने को मिलती हैं, खासतौर इन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग भी आते हैं। उसी तरह हर एक गांव की अपनी अलग पहचान होती है जिसके लिए वो दुनियाभर में जाना जाता है।
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कभी-कभी कुछ गांवों की पहचान उनमें होने वाली कुछ अजीब चीजें बन जाती हैं। इन्हीं वजहों से वो गांव चर्चा का भी विषय बन जाता है। आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने वाले है जहां के लोग कभी भी, कहीं भी चलते-फिरते, बातें करते और अचानक सो जाते हैं। ये गांव कजाकिस्तान में मौजूद है जहां की अलग ही पहचान है।
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इस गांव का नाम कलाची है। जहां की कहानी भले ही थोड़ी अजीब है लेकिन सच है, हालांकि अब ऐसा नहीं है मगर अब ये इस गांव की पहचान जरुर बन गया है। दिलचस्प बात तो ये है कि वैज्ञानिक भी अभी तक इस नींद की बीमारी का सही कारण नहीं समझ पाए हैं। कजाकिस्तान का कलाची गांव एक अजीब बीमारी के लिए जाना जाता है, जहां के गांव के लोग महीनों तक सोते रहते थे।
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महीनों तक सोते रहने की वजह से इस गांव को स्लीपी हॉलो भी कहा जाता है। जब भी कोई बाहर से इस गांव में जाता तो यहां के लोग सोते हुए नजर आते है। ग्रामीणों की अजीब आदतों या बीमारियों पर अब तक कई बार शोध हो चुका है, लेकिन रिसर्च में इसके पीछे की ठोस वजह का खुलासा नहीं हो पाया है।
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कलाची गांव के लोगों का अचानक और काफी देर तक सोते रहने की एक वजह ये भी है कि इस इलाके में जहरीली गैस यूरेनियम उत्सर्जित होती है, इसलिए इस इलाके के लोगों में नींद की ये अजीब बीमारी सामने आई है। जहरीली गैस के कारण इस क्षेत्र का पानी भी प्रदूषित हो गया है और इस क्षेत्र के पानी में कार्बन मोनोऑक्साइड मिला हुआ है।
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बता दें कि साल 2010 में कलाची गांव में लोगों के अचानक सो जाने का पहला मामला सामने आया था। उस समय एक स्कूल में अचानक बच्चे फर्श पर गिर पड़े और सो गए थे। यहीं से ये बीमारी धीरे-धीरे पूरे गांव में फैल गई थी। हालांकि साल 2015 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये बीमारी अचानक गांव से खत्म हो गई थी। इस बीमारी की वजह से कजाकिस्तान का ये कलाची गांव दुनिया भर में मशहूर हो गया है।

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