हर देश के अपने अलग-अलग रूल होते हैं जिन्हें वहां की जनता को हर हाल में मानना होता है। मगर उन्हीं देशों में कुछ ऐसे इलाके में भी होते हैं जहां देश के नियमों से अलग कानून का पालन किया जाता है। कोई नहीं जानता कि इन नियमों को कब और किसने बनाया है। मगर लोग इन नियमों को परंपरा की तरह उसे मानते चले जाते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे ही नियम के बारे में बताने वाले है जिसे लोग सदियों से मानते आ रहे हैं और उस देश के लोग उसे अपनी एक खास परंपरा समझते हैं। ये जगह ब्रिटेन का एक गांव है जिसे बेहद कड़े नियमों वाला गांव माना जाता है, जिसे भूलकर भी यहां रहने वाले लोग नहीं बदलते है। तो चलिए जानते है कि क्या है इस गांव का नाम।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में वेंटवर्थ नाम के गांव को टस से मस नहीं होने वाला गांव माना जाता है। इस ब्रिटिश गांव में बहुत ही अजीबोगरीब नियम है, इन नियमों का पालन वहां के लोग पूरी शिद्दत के साथ करते हैं। वैसे बता दे कि वहां के स्थानीय लोग इन नियमों का पालन इसलिए करते है ताकि वो लोग यहां के आर्किटेक्चर को बचा सकें और परंपराओं को आगे तक के लिए जारी रख सकें।
दिलचस्प बात ये कि इस गांव में मात्र एक दुकान है। इसके अलावा दो पब हैं और एक ही रेस्टोरेंट भी है। यहां के लोग बिल्कुल भी जल्दबाजी में नहीं रहते है और ना ही इस गांव में ज्यादा भीड़भाड़ है। वेंटवर्थ गांव में काफी सारे टूरिस्ट घूमने आते हैं लेकिन उसके बावजूद यहां पर बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है। इस गांव में 1400 लोग रहते हैं।
इस गांव को एक ट्रस्ट चलाती है जिसका नाम फिट्ज़विलियम वेंटवर्थ एमेनिटी ट्रस्ट है। जो यहां कोई बदलाव नहीं करना चाहता है, इसे वैसे ही रखना चाहता है जैसे ये हमेशा से था। 300 से ज्यादा सालों से ट्रस्ट के पास गांव में निर्णय लेने का अधिकार है, ग्रामीणों के पास वास्तव में अपने घर नहीं हैं, इसके बजाय वे किरायेदार हैं और घरों के स्वामित्व का दावा करने में असमर्थ हैं।
इतना ही नहीं इस गांव में जब किसी परिवार के सभी सदस्यों की मौत हो जाती है, यानी ब्लड लाइन खत्म हो जाती है तो किराया बढ़ जाता है। वहीं इस गांव में एक खास पॉलिसी भी है जिसको हर किसी को मानना पड़ता है। वेंटवर्थ गांव में ग्रीन-डोर पॉलिसी का पालन किया जाता है। इस पॉलिसी का मतलब कि यहां का हर दरवाजा हरे रंग का ही होता है।