माँ और बच्चे की बात सबसे प्यारी होती है दोनों का एक दूसरे का प्रति जुड़ाव। हां एक माँ अपने बच्चे के बिना नहीं रह सकती है और एक बच्चा अपनी माँ के बिना नहीं रह सकता है। महाराष्ट्र के पुणे में मंचर वन रेंज के पास स्थित चास गांव के पास एक 45-दिवसीय नर तेंदुए का शावक सफलतापूर्वक अपनी मां के साथ मिल गया। यह पुनर्मिलन वन्यजीव एसओएस और महाराष्ट्र वन विभाग के सहयोगात्मक प्रयासों से संभव हुआ। इस खबर के सामने आते ही इस प्यारे घटना ने सभी का दिल जीत लिया।
कहानी तब सामने आई जब इस सप्ताह की शुरुआत में एक प्याज भंडारण घर के पास एक तेंदुए का बच्चा पाया गया। ग्रामीणों ने बिना समय गंवाए घटना की सूचना वन विभाग को दी। वन अधिकारियों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और युवा शावक को सुरक्षित बचा लिया, जिससे उसके बारे में सही ख्याल रखा जा सके। बताया गया कि शावक को जुन्नर के मानिकदोह तेंदुआ बचाव केंद्र में ले जाया गया, जो वन्यजीव एसओएस द्वारा चलाया जाता है। वहां के कुछ जांच के बाद पता चला कि शावक एक लगभग 1.5 महीने का युवा नर था।
मौसम खराब होने के कारण शावक को हाइड्रेशन थेरेपी दी गई थी। जिसके पीछे की वजह मानसून को बताया गया, जिसमें बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है। जरुरी उपचार के बाद शावक को अपने प्राकृतिक आवास में लौटाने के लिए शावक को उसकी माँ के साथ फिर से मिलाने की तैयारी की गई। उसी शाम टीम शावक को उस स्थान पर वापस ले आई जहां वह पाया गया था। उन्होंने इस पल को कैद करने के लिए विशेष कैमरे लगाए। कुछ देर बाद मादा तेंदुए को इलाके में आते और सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अपने बच्चे को सावधानी से उठाते हुए देखा गया।
जानकारी दी गई कि 2009 से, वन्यजीव एसओएस ने 100 से अधिक तेंदुए के बच्चों को उनके परिवारों में वापस लाने के लिए वन विभाग के साथ काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने में ग्रामीणों की त्वरित कार्रवाई से पता चलता है कि वाइल्डलाइफ एसओएस की कार्यशालाओं और कार्यक्रमों ने लोगों की जागरूकता में सकारात्मक बदलाव लाया है।