‘गाय’ जिसे हमारे हिन्दू धर्म में माँ का दर्जा दिया जाता हैं। लोग इसकी पूजा करते हैं और कई लोग तो इन्हे शुभ संकेत भी मानते हैं। मंदिरो में गौशालाओ में जाकर लोग इन्हे खाना खिलाते हैं क्योकि ये होती ही इतनी शुभ हैं। लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि भला हम ये सब बातें क्यों कर रहे हैं हेना? तो आपको बता दे कि आज हम आपको एक ऐसी ही अद्भुद गाय के जन्म के बारे में बताने जा रहे हैं।
दरहसल, ये मामला जमुई जिला के चकाई प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पेटारपहाड़ी पंचायत के कोलडीहा गांव का हैं जहा एक गाय ने अनोखे बछड़े को जन्म दिया हैं। जिसके एक नहीं बल्कि दो सिर और चार से अधिक पैर हैं। जैसे ही इसने जन्म लिया के इस बात का हड़कंप पूरे गांव में मच गया और कई लोगो की भीड़ इस अनोखे बछड़े को देखने के लिए उमड़ पड़ी।
जैसे ही इस बछड़े ने जन्म लिया के उसके बाद ही पशुपालक सहित स्थानीय लोग इसे भगवान का चमत्कार बताते हुए पूजने लगे। इसके सन्दर्भ में लोगो ने कहा कि ‘उन्होंने कभी पहले इस तरह के अनोखे बछड़े को नहीं देखा है. यह ईश्वर का एक चमत्कार है.’ जिसके बाद ही तुरंत मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई और लोग इसे भगवान का चमत्कार बता कर इसके इर्द-गिर्द पूजा-पाठ करने लगे। लोगों ने बछड़े के पास अगरबत्ती जलाई और श्रद्धा स्वरूप पैसे और अन्य चीजो को चढ़ाना शुरू कर दिया।
लेकिन कुछ ही घंटे जी पाया बछड़ा
जहा एक ओर इसके पैदा होते ही गांव वालो ने इसे कुदरत का चमत्कार बताना शुरू कर दिया था तो वही ये चमत्कार ज़्यादा समय तक सांसे नहीं ले सका। गाय ने देर शाम 8 बजे के करीब इस बछड़े को जन्म दिया था जिसके बाद से ही गांव वासियो के बीच इसे देखने के लिए हज्जूम जोड़ रखा था। सिर्फ ग्रामीण ही नहीं बल्कि दूसरे गांव के लोग भी इस बछड़े को देखने के लिए यहां पहुंचे थे।
लेकिन जब से इस बछड़े ने जन्म लिया था तभी से ही इसकी हालत असामान्य थी जिसके कारण इसकी उम्र ज़्यादा नहीं टिक सकी। तबियत में सुधर न हो पाने के कारण करीब 8 घंटे बाद ही इस बछड़े ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद अगली ही सुबह ग्रामीणों के द्वारा उसे दफना दिया गया। हालांकि इस बीच यह पूरी घटना इलाके में चर्चा का केंद्र बन गई और लोगो को इसके जाने के बाद दिल से दुःख हुआ।