हर नए दंपति का सपना होता है कि शादी के बाद वो भी जल्द माता-पिता बने। किसी के लिए जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी ये होगी कि उसके बच्चे उसको माँ या पापा बुलाये। आमतौर पर किसी की बच्चे की गर्भकाल की समय सीमा 9 या सबसे ज्यादा 10 महीने की होती है। कुछ-कुछ मामलों में बच्चे की डेलीवरी तय समय से पहले हो जाती है। लेकिन आपको ये पता चले कि एक बच्चा नौ सालो तक अपनी माँ की कोख में रहा तो, शायद आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन ऐसा हुआ है।
मामला कांगो की रहने वाली एक महिला के साथ हुआ जो नौ साल पहले प्रेग्नेंट हुई थी लें उसको अपने होने वाले बच्चे की सही जानकारी के अभाव में कूचे ऐसा हो गया जिसे महिला को अपनी जान गवानी पड़ गई। जब प्रेग्नेंट हुई तो प्रेग्नेंट होने के 24 हप्ते के बाद भी उसको अपने परत में कुछ हलचल नहीं पता चलता है। जब वो इस मामले को लेकर डॉक्टर के पास जाते है तो पता चलता है कि महिले के बच्चे का भूर्ण विकास बंद हो जाता है।
जिसके कारण उसके बच्चे की परत के अंदर ही मौत हो जाती है। डॉक्टर महिला को गर्भपात करने के लिए कुछ दवा देते है लेकिन महिला का समाज में बहिष्कार होने लगता है जिसे कारन महिले दवा का यूज़ नहीं करती है। कुछ दिनों पहने जब वो अमेरिका जाती है तो उसको पेट में कफी तेज दर्द उठता है जब वो डॉक्टर के पास जाती है तो डॉक्टर बोलते है। महिला के पेट में भ्रूण अभी भी मौजूद था वह पत्थर की तरह हो गया था और आंतों के पास फंसा हुआ था।
इससे आंत सिकुड़ गई थी. जो कुछ भी वह खाती थी, पचता नहीं था और महिला कुपोषण की शिकार हो गई। जिस कारन कुछ दिनों पहले ही उसकी मौत हो गई। एक रिपोर्ट के मुतबिक पूरी दुनिया में ऐसे काफी ही कम मामलें आते है। आपको बता दे की जब बच्चे के विकास अपने सही स्थान पर न हो कर पेट में होने लगता है तो इस प्रकार का कुछ मामला सामने आता है। जिसमे बच्चे के ऊपर कैल्शियम की एक परत जम जाता है। जिस वजह से बच्चा पत्थर का बन जाता है।