अक्सर लोगों के मन में अलग-अलग सवाल और विचार स्कूल और पढ़ाई का नाम सुनते ही आ जाते हैं। हालांकि ये कुछ सवाल होते हैं जो जरूर आपके भी जहन में आते होंगे। जैसे किताबों से भरा हुआ आपका बैग, पढ़ाई का कितना दबाव आदि यही सवाल हम सबके मन और जहन में आते हैं।
लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी अनोखे स्कूल होते हैं जो बेहद अनोखे तरीके से पढ़ाई कराते हैं। इन स्कूलों में बच्चों को अलग और अतरंगी तरीकों से पढ़ाई कराई जाती है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन स्कूलों में बच्चे पढ़ाई से बारे नहीं होते हैं और वह मन लगा कर पढ़ते हैं जिसमें उन्हें मजा आता है।
मकोको फ्लोटिंग स्कूल
कई ऐसे इलाके होते हैं जहां पर बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं क्योंकि स्कूल बहुत दूर होते हैं या फिर वहां पर स्कूल कम होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसी कोई समस्या नाइजीरिया के अंदर नहीं है। यहां पर पानी के ऊपर तैरता हुआ एक स्कूल है जिसमें 100 बच्चे एक बार में पढ़ने आते हैं। यहां के पानी का जल स्तर घटता और बढ़ता रहता है लेकिन इस स्कूल को कभी किसी तरह का कोई भी नुकसान नहीं हुआ है। हर तरह के मौसम में यह स्कूल टिका रहता है।
झोंगडोंगः द केव स्कूल
यह स्कूल चीन में है और इस स्कूल में पढ़ाई करने लगभग 186 बच्चे आते हैं। साथ ही 8 शिक्षक इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं। एक प्राकृतिक गुफा में यह स्कूूल था और साल 1984 में खोजा था। इस स्कूल में उन बच्चों को शिक्षा देते थे जो स्कूल नहीं आ पाते थे लेकिन चीन सरकार ने इस स्कूल को साल 2011 में बंद कर दिया था।
द स्कूल ऑफ सिलिकॉन वैली
पढ़ाई के जो परंपरागत तरीके हैं उस हिसाब से इस स्कूल में वैसे पढ़ाई नहीं की जाती। उच्च स्तर की तकनीक से यहां पर बच्चों को पढ़ाया जाता है। आई पैड, थ्री-डी मॉडलिंग और संगीत की मदद से यहां पर बच्चों को पढ़ाते हैं।
द कार्पे डियम स्कूल
ओहियो में यह स्कूल स्थित हैं। लगभग 300 क्यूबिकल इसे स्कूल में क्लासरूम की जगह हैं जिस तरह से ऑफिस में होते हैं वैसे ही इस स्कूल में हैं। यह स्कूल कहता है कि अपने स्तर पर हर किसी को चीजें सीखनी चाहिए। किसी भी तरह की कोई भी परेशानी अगर बच्चों को आती हैं तो तभी उनके पास इंस्ट्रक्टर आ जाता है।
सडबरी स्कूल
अमेरिका में यह स्कूल होता है। बच्चे अपना टाइम टेबल इस स्कूल में बनाते हैं। इतना ही नहीं उन्हें किस क्या पढ़ना है यह भी बच्चे खुद तय करते हैं। पढ़ाई करने के कौन से तरीके अपनाने हैं वह भी बच्चे तैयार करते हैं। बच्चे अपने आपको किस तरीके से आंकना चाहते हैं वह भी बच्चे ही तय करते हैं।