ऐसा माना जाता है कि हिंदु धर्म में शनिदेव न्याय के देवता होते हैं। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक शनिदेव कर्म को देखकर फल अर्पित करते हैं और न्याय भी करते हैं। वैसे तो हमारे देश में बहुत सारे ऐसे शनि मंदिर हैं जहां शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन इनमें से एक अनोखा शनि शिंगणापुर है। यह मंदिर महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले में स्थित है। इस मंदिर में शनिदेव के इंसाफ पर लोगों को पूर्ण विश्वास है। इसलिए तो वह लोग अपने घरों के दरवाजों पर ताले तक नहीं लगाते हैं। बता दें कि इस मंदिर इंसाफ का मंदिर भी कहा जाता है।
इस शनि मंदिर की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यहां पर शनि देवी की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे है। इस मंदिर पर कोई भी छत नहीं है। इतना ही नहीं इस गांव के किसी भी घर में कभी ताला नहीं लगाया जाता है। न ही आस-पास की दुकानों पर ताला लगाया जाता है ऐसा कहा जाता है कि यहां पर शनि देव खुद सभी लोगों के घर की रक्षा करते हैं।
इस गांव में यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। यहाँ पर भक्त बताते हैं कि इस गांव में रहने वाला हर एक इंसान अपने आप को भय से मुक्त समझता है,क्योंकि यहां के कण-कण में शनिदेव बसे हुए हैं। हर एक घर और हर एक व्यक्ति पर शनिदेव की नजर टिकी हुई है। इसलिए जो भी व्यक्ति गलत काम करता है उसे उसके कर्मो का फल जरूर मिलता है।
ये भी मान्यता है की जो भी इस गांव में बुरी नीयत से आता है, वो पूरी तरह बर्बाद हो जाता है। यहां पर जो शनिदेव का मंदिर हजारों साल पुराना। कहा जाता है कि जिस भी इंसान की कुंडली में शनि का दोष होता है वो लोग इस मंदिर अपने दोष दूर करने के लिए आते हैं और शनिदेव को तेल चढ़ाते हैं।
यहां पर शनिवार और अमावस्या के दिन दूर-दूर से भक्त पूजा करने के लिए आते हैं। यहां पर शनिदेव की प्रतिमा की पूजा खुले आसमान के नीचे की जाती है। ऐसा बताया जाता है कि जिसने भी शनिदेव की प्रतिमा के ऊपर छत बनाने की कोशिश की है वह कभी अपने काम में सफल नहीं हो पाया है।