आज नवरात्रि का पांचवा दिन है। नवरात्रि के पांचवें दिन देवी के स्कंदमाता स्वरूप की आराधना की जाती है। देवी दुर्गा का स्वरूप स्कंदमाता प्रेम और वात्सल्य का प्रतीक स्वरूप माना जाता है। मान्यतओं के अनुसार मां दुर्गा के इस स्वरूप का नाम कार्तिकेय को जन्म देने की वजह से हुआ है। इस खास दिन पर देवी की किस तरह से पूजा की जाए आइए जानते हैं।
इस तरह से करें पूजा…
नवरात्रि के पांचवें दिन पर मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा होती है । स्कंदमाता की पूजा में धनष वाण अर्पित करने का खास महत्व है। हालांकि देवी के इस स्वरूप की पूजा अन्य स्वरूपों की तरह से होती है।
लेकिन इस दिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप लाल वस्त्र में सुहाग की सारी चीजें सामग्री लाल फूल और अक्षत के साथ जरूर चढ़ाए। ऐसे में महिलाओं को सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है। इन्हें सुहाग का सामान जैसे,लाल चुनरी,सिंदूर,नेलपेंट,बिंदी,मेंहदी,लाल चूडिय़ां,लिपस्टिक आदि चढ़ाएं।
ये भोग लगावें दुर्गा मां को…
स्कंदमाता को केला का भोग जरूर लगाएं। इसके अलावा केसर डालकर खीर बनाएं आप इसका भी भोग लगा सकते हैं। क्योंकि देवी मां के इस स्वरूप को पीली चीजें अति प्रिय होती हैं।
जो भक्त देवी स्कंद माता का भक्ति-भाव से पूजन करते हैं उसे देवी की कृपा प्राप्त होती है। देवी की कृपा से भक्त की मुराद पूरी होती है और घर में सुख, शांति एवं समृद्धि रहती है।