शनिदेव कर्मफलदाता है। कर्म का फल जल्द ही देते है।सनातन धर्म में भी शनिदेव को न्याय का देवता कहते हैं। मान्यता है कि शनि देव मनुष्य के अच्छे-बुरे कर्म के हिसाब से फल देते हैं। कहते हैं कि शनि देव जिस पर अपनी कृपा दृष्टि बना देते हैं ।वह सुख-सुविधाएं से भर जाता है।
9 ग्रहों में शनि देव को सबसे क्रूर और अहम माना गया है। शनि देव ऐसे देवता हैं जो कर्मों के मुताबिक फल देते हैं।यदि व्यक्ति के कर्म अच्छे हों तो शनि की महादशा में भी उसे अच्छे फल मिल सकते हैं, वरना शनि की नजर राजा को भी रंक बना देती है।वहीं शनि प्रसन्न हो जाएं तो कंगाल को भी राजा बना देते हैं।
शनि देव की यदि कुदृष्टि पड़ जाए तो जातक को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक हर तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। कुल मिलाकर जिंदगी कष्टों से भर जाती है। लिहाजा शनि को प्रसन्न रखना बहुत जरूरी है।इसके लिए शनि देव को समर्पित शनिवार को वो काम करने से बचना चाहिए जो उन्हें नाराज कर सकते हैं।
शानि ग्रह को मजबूत करने के लिए खानपान में बदलाव करना लाभकारी होगा। यदि शनि से परेशान हैं, तो नॉनवेज बिल्कुल त्याग दें। नशीली चीजों से भी दूर रहें।सकारात्मक शनि की पावर बढ़ाने के लिए अंकुरित आहार लेना सबसे फायदेमंद होता है।
शनि को वह लोग पसंद होते हैं जो चने का सेवन करते हैं। फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए। इसके साथ शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन उपवास और दान करें। कहते हैं कि काली गाय को उड़द, तेल या तिल खिलाने से शनिदेव शांत होते हैं।