हम सभी जब बच्चे थे जब हम सोचा करते थे कि आसमान के ऊपर क्या होता है मन में बार-बार ये सवाल उठता था कि लोग वहां जाते होंगे की नहीं और जाते होंगे कैसे जाते होंगे| जब बड़े हुए तो सब कुछ पता चल गया लेकिन क्या आप सोच सकते है कि कोई अंतरिक्ष यात्री अपने साथ में क्या-क्या ले के जा सकता है| हम जीव है तो खाना और पानी अपने साथ लेकर जा सकते थे| लेकिन रुस के अंतरिक्ष यात्री अपने साथ बन्दूक ले कर अंतरिक्ष की यात्रा पर जाया करते थे|
अंतरिक्ष वैक्यूम होता है यानी वहां सभी चीजे हवा में उड़ाने लगती है तो फिर सवाल उठता है कि बंदूक का क्या काम? लगभग 1980 के समय में रूस की अंतरिक्ष यात्री अपने साथ TP-82 नाम की बंदूक लेकर अंतरिक्ष में जाते थे| इस बन्दूक का निर्माण 1970 के टाइम पर हुआ था इसका पहली बार इस्तेमाल रुसी कॉस्मोनॉट्स ने 1981 में किया गया था लेकिन समय के साथ इसका इस्तेमाल को बंद कर दिया गया| ये बन्दूक पूरी तरह से मैनुअल रूप में चलनी वाली थी इसमें चैंबर हुआ करते थे ये काफी ही हलकी बन्दूक थी|
लेकिन बन्दूक का अंतरिक्ष में क्या काम होता है?
जब कोई भी अंतरिक्ष यात्री अपनी अंतरिक्ष की यात्रा को पूरा करके धरती पर वापस लौटता था तब उसकी लैंडिंग कब और कहां हो जाएं ये किसी को पता नहीं होता था कभी जंगल में तो कभी पानी में जंगल में जब कोई अंतरिक्ष यात्री उतरता तो वहां उसको जंगली जानवरो का काफी खतरा रहता था| इसलिए सभी अंतरिक्ष यात्री को बन्दूक दिया जाता था|
कहाँ से आया ये आईडिया?
बंदूक शुरू करने का आइडिया सबसे पहले कॉसमोनॉट एलेक्सी लिनोवो को साल 1965 में आया जब वो जब धरती पर उतरे तो उनके यान का कैप्सूल, जिसमें वो बैठे थे, वो अपनी जगह से करीब 900 किलोमीटर दूर गिरा जहां वो साइबेरिया के जंगल में फंस गए थे और जंगली जानवरों का खतरा उन्हें सता रहा था. तब उन्होंने अपने सीनियर्स को ये सुझाव दिया कि अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर लौटने के लिए बंदूक दी जाए|