Rocket Woman Of India: कौन है लखनऊ की बेटी Ritu Karidhal? जिनके हाथों में Chandrayaan-3 की कमान... - Punjab Kesari
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Rocket Woman Of India: कौन है लखनऊ की बेटी Ritu karidhal? जिनके हाथों में chandrayaan-3 की कमान…

वह इसरो और नासा की समाचार रिपोर्टों की पेपर कटिंग एकत्र करती थीं। करिधल ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय

आज इतिहास रचते हुए भारत ने अपना चंद्रयान मिशन 3 को लांच कर दिया है। शुक्रवार को दोपहर 2.35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने उलटी गिनती के साथ अपने इस महत्वाकांक्षी मिशन को सफलता पूर्वक लांच किया। इस मिशन के पीछे उस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जा रहा है, जो चंद्रयान 2 पूरा नहीं कर पाया था।
चंद्रयान मिशन 3 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर को उतरना और जांच करना। इस मिशन को इसरो को फैट बॉय नाम से जाने-जाने वाले राकेट जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन पर लॉन्च किया जाएगा। यदि लैंडिंग सफल रही, तो संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत इसे हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। 
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आपको बता दे इस महत्वाकांक्षी मिशन को सफलता तक पहुंचाने का काम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव के नेतृत्व में हो रहा है। आज की इस खबर में हम आपको उनके बारे में बताने वाले है। 
कौन हैं Ritu Karidhal? 
इससे पहले देश की स्पेस एजेंसी में करिधल वर्षो से अपनी सेवा दे रही है। भारत के राकेट वुमन के नाम से मशहूर रितु करिधल चंद्रयान-2 की मिशन निदेशक और भारत के मंगल ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) मंगलयान की उप संचालन निदेशक रह चुकी है। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ, जहां इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा की और बाद में उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में बीएससी की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमई की डिग्री प्राप्त की। 
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इसरो में सफर
बताया जाता है कि वो 1997 में इसरो में शामिल हुईं और तब से अपनी सेवा दे रही है। अपने इस मुकाम तक पहुंचने से पहले उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया है। डॉ. रितु को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा ‘इसरो यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड’ मिल चुका है। उन्हें सोसायटी ऑफ इंडियन एयरोस्पेस टेक्नोलॉजीज एंड इंडस्ट्रीज (SIATI) द्वारा ‘2015 में MOM के लिए इसरो टीम अवार्ड’ ‘ASI टीम अवार्ड’, ‘वीमेन अचीवर्स इन एयरोस्पेस, 2017’ भी मिला है।
बताया जाता है कि वह इसरो और नासा की समाचार रिपोर्टों की पेपर कटिंग एकत्र करती थीं। करिधल ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 20 से अधिक पत्र प्रकाशित किए हैं। आज इनका नाम गर्व से लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश से देश-दुनिया में अपना नाम बनाने वाली इस बेटी को आज पूरा भारत सलाम कर रहा है। 

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