इन 8 फ़ोटोज़ के जरिए एक फ़ोटोग्राफ़र ने ग्लेशियर्स के पिघलने को बताया हानिकारक - Punjab Kesari
Girl in a jacket

इन 8 फ़ोटोज़ के जरिए एक फ़ोटोग्राफ़र ने ग्लेशियर्स के पिघलने को बताया हानिकारक

हिमलाय में ग्लेशियर का पिघलना कोई नई बात नहीं है। ग्लेशियर सदियों से पिघलकर नदियों के रूप में लोगों को जीवन देते रहे हैं। लेकिन पिछले दो-तीन दशकों में ग्लोबल वॉर्मिग के कारण पर्यावरण को पहुंचने वाली मुसीबतों की वजह से इनके  पिघलने की गति में जो तेजी आई है। जो एक चिंता का विषय है। बता दें कि इसका दुष्टïपरिणाम केवल पर्यावरण पर ही नहीं बल्कि हम सभी पर भी पड़ रहा है। इसकी वजह से गर्मियों के दिनों में भयानक गर्मी की हो रही है वहीं सर्दियां भी अब ठंड का एहसास नहीं करा रही है। इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है।  इस पूरी घटना को एक फोटाग्राफर जिनका नाम Dillon Marsh हैं। उन्होंने अपनी फोटोग्राफी में CGI Elements का इस्तेमाल करके हमें समझाने की कोशिश भी की है। 
1559570640 header melting glaciers 1555338088810867561714
 1.Naradu Glacier पर हर मिनट गिरती बर्फ़ की औसत मात्रा 7.06 क्यूबिक मीटर है। 

1559570813 screenshot 1
2. हिमाचल प्रदेश पर बर्फ़ की प्रति मिनट औसत मात्रा 18.64 क्यूबिक मीटर है। 

1559571821 screenshot 2


3.हर एक घंटे में नर ग्लेशियर कश्मीर पर 92.58 घन मीटर की औसत मात्रा से बर्फ गिर रही है।
1559571814 screenshot 3
4.चंगमेखंगपु सिक्किम पर हर मिनट तकरीबन 3.09 क्यूबिक मीटर बर्फ पिघल रही है।
1559571832 screenshot 4
5.ग्लेशियर उत्तराखंड पर हर आधे धंटे में 62.15 घन मीटर बर्फ  पिघल रही है।
1559571840 screenshot 5
6.उत्तराखंड डोकरेनी ग्लेशियर में हर मिनट 6.78 घन मीटर बर्फ पिघल जाती है।
1559571852 screenshot 6
7.उत्तराखंड के दुनागिरी ग्लेशियर में हर मिनट में पिघलने वाली बर्फ की औसत मात्रा 2.55 घन मीटर है। 
1559571877 screenshot 7
8.हिमाचल प्रदेश के गारा ग्लेशियर में हर घंटे 176.6 घन मीटर बर्फ पिघल जाती है। 
1559571887 screenshot 8
Dillon ने बताया मैंने एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के मुताबिक डेटा इकट्ठा करके सीजीआई का इस्तेमाल करते हुए बर्फ के मॉडल बनाए और उन्हें विशिष्ट मानव वातावरण में रखा। ऐसे में हमारा उद्देश्य उन नाटकीय जलवायु परिवर्तनों की ओर ध्यान आकर्षित करना है। जो हमारे रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े हुए हैं लेकिन इस सब पर हमारा ध्यान कभी नहीं जाता है। ये ‘Counting the Costs’ नामक एक परियोजना है। 
1559572011 6016 (1)

जो एक वैश्विक परियोजना है। इसका मतलब है कि  हम इन गेंदों को पूरी दुनिया में देखने जा रहे हैं। लेकिन भारत को उन्होंने सबसे पहले इसलिए चुना है क्योंकि  ये देश दुनिया के कुछ सबसे ऊंचे पहाड़ों का घर है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × three =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।