ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को यूं बनाया जा रहा फेक रिव्यू के जरिए मूर्ख - Punjab Kesari
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ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को यूं बनाया जा रहा फेक रिव्यू के जरिए मूर्ख

आज का समय है ऑनलाइन शॉपिंग का भाई, आप और हममें से कई सारे लोग भीड़भाड़ वाली जगह

आज का समय है ऑनलाइन शॉपिंग का भाई, आप और हममें से कई सारे लोग भीड़भाड़ वाली जगह में शॉपिंग करने जाने से बचने के लिए घर बैठे-बैठे ही सुकून से ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं। हालांकि ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर समय-समय पर कई तरह की धोखाधड़ी वाले कुछ घटनाएं भी सामने आती रहती हैं। हाल ही में ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़ी एक और मामला ताजा-ताजा सामने आया है जिसमें ऑनलाइन फेक रिव्यूज को लेकर चौकान्ना किया गया है।

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ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर ऐमजॉन से खरीदारी करने के बाद ऑनलाइन शॉपर्स को फेसबुक पर चल रहे कई सारे ग्रपों पर शेयर किए जा रहे फर्जी रिव्यू के जरिए पागल बनाया जा रहा है। इस घोटाले को लेकर कई सारी बड़ी और छोटी कंपनियों के साथ-साथ उन कारोबारियों द्वारा भी सपॉर्ट किया जा रहा है जो अपने प्रॉड्क्ट्स के पॉजिटिव रिव्यू को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए वो लोग फेसबुक पर निर्भर है। ये वहीं लोग हैं जिन्होंने ऐमजॉन पर अपने प्रॉडक्ट्स को लिस्ट किया है ताकि इनकी पहुंच पूरी दुनिया में करीब 2.6 बिलियन यूजर्स तक हो जाए।

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ग्राहक हो रहे फेक रिव्यू से प्रभावित

बीते शनिवार को आई द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अुनसार ऐमजॉन सेलर्स के समर्थन वाले ये फर्जी समीक्षक कई और फेसबुक ग्रपों पर प्रॉडक्ट से जुड़ी जानकारियां साझा कर रहे हैं जिससे वह ग्राहकों को प्रभावित करते हैं। बता दें कि समीक्षकों को किसी प्रॉडक्ट के लिए दाम चुकाने पड़ते हैं साथ ही ऐमजॉन के ग्राहकों को यकीन दिलाकर उनको पागल बनाते हैं कि प्रॉडक्ट असली है। लेकिन एक अच्छा रिव्यू मिलने के बाद प्रॉडक्ट बनाने वाली कंपनी उसकी खरीद की कीमत वापस देती है और बहुत बार इन रिव्यू के लिए वो अतिरिक्त फीस भी दी जाती है।

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रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के कंज्यूमर असोसिएशन द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे एक ब्रैंड नाम ‘Which?’ का कहना है कि पिछले पतझड़ के मौसम तक इसके द्वारा देखे गए लगभग सभी फेसबुक ग्रुप ऐक्टिव थे। इससे पहले इसी हफ्ते ‘Which?’ने दावा किया था कि ऐमजॉन के सिस्टम को इन अनजान ब्रैंड्स के लिए दिए जा रहे ढेरों फर्जी फाइव स्टार रिव्यू से खोखला किया जा रहा है।

फेसबुक और ऐमजॉन की पॉलिसी

अक्टूबर 2018 में ‘Which?’ ने कहा था कि दो बड़े फेसबुक और कुछ छोटे ग्रुप जिनके सदस्यों की संख्या 87,000 तक हो सकती है। ये लोग फर्जी रिव्यू लिखने में सबसे ज्यादा शामिल थे।

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फेसबुक के हवाले से ‘Which?’ को कहा , ‘हम लोगों को फर्जी यूजर रिव्यू के चलन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते। हमारी नीतियों का उल्लंघन करने वाले जिन ग्रुप की जानकारी हमें मिली, उन्हें अब डिलीट कर दिया गया है। हम लोगों से लगातार कहते रहते हैं कि अगर किसी ने हमारे नियम तोड़े हैं तो वे ऐसे कॉन्टेन्ट को रिपोर्टिंग टूल के लिए जरिए रिपोर्ट करें।’ वहीं दूसरी तरफ ऐमजॉन का दावा है कि यह अपनी साइट पर रिव्यूज की ईमानदारी को बचाने के लिए ‘महत्वपूर्ण संसाधनों’ में निवेश करती है।

रिपोर्ट में ऐमजॉन के हवाले से कहा गया है, ‘हमने समीक्षकों और सेलिंग पार्टनर्स दोनों के लिए स्पष्ट पार्टिसिपेशन गाइडलाइंस दे रखीं हैं और जो लोग हमारी नीतियों का उल्लंघन करते हैं उन्हें सस्पेंड, बैन करने के अलावा कानूनी कार्रवाई भी की जाती है। ‘

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