अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखा जाता है तो यह नीला ही दिखता है और इसके पीछे के मुख्य वजह यह है कि पृथ्वी के ज्यादातर हिस्सों पर महासागर के पानी अपना रंग बिखरते हैं और इस कारण पृथ्वी अंतरिक्ष से नीला दिखाई पड़ता है। पृथ्वी पर लगभग 71% से अधिक हिस्सों पर महासागर के पानी अपना राज करते हैं। सामान्य ज्ञान में यह प्रश्न काफी बार आपके सामने आया होगा कि पृथ्वी पर कुल कितने महासागर है।
तो उसका जवाब आप सभी ने कह दिया होगा कि पृथ्वी पर कुल पांच महासागर है, लेकिन अगर देखा जाए तो यह भौगोलिक रूप से मात्र चार ही गिने जाते हैं। अब वैज्ञानिकों में इस बात को लेकर काफी ज्यादा बहस है कि पृथ्वी पर चार महासागर है यह पांच एक और नई खबर कह रही है कि एक और नए महासागर की खोज जानते हैं कि आखिरकार क्या है यह पूरी खबर।
दरअसल नेशनल ओशिएनिक और एटमॉसफियरिक एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि पृथ्वी पर एक ही महासागर है यानी कि जितने भी महासागरों को अभी पांच नाम लेकर बांटा गया है वह सभी एक में एक और इसीलिए जितने भी सागर यह महासागर इसको सभी एक ही है। अगर सभी सागर और महासागर के क्षेत्रफल को जोड़ा जाए तो यह करीब 36.01 करोड़ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसके आधे से ज्यादा हिस्से में गहराई लगभग 3000 मीटर से अधिक तक जाती है।
ऐसे में यह कहना काफी गलत होगा कि पृथ्वी पर पांच महासागर हैं। बता दे कि पृथ्वी पर पांच महासागर है जिसमें प्रशांत महासागर हिंद महासागर अंटार्कटिक महासागर आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर है इन सभी महासागरों में खारा पानी पाया जाता है जो की काफी ज्यादा नमकीन होता है साथ ही महासागरों के पानी से नमक बनाने का भी काम किया जाता है।
लेकिन हाल ही के सालों में वैज्ञानिकों के बीच इस बात को लेकर मतभेद होने लगा कि अंटार्कटिका के आसपास ठंडे पानी का एक जल स्रोत है और साल 2021 में नेशनल जियोग्राफी समिति ने इसी पानी में पांचवें महासागर जिसको डांट दिया गया दक्षिणी महासागर की खोज की घोषणा करती थी।
हालांकि आपको बता दे कि इस महासागर के आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की गई है और इसे अभी मानता नहीं मिली है अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संस्था का कहना है कि अभी तक श्री महासागर को मानता नहीं दी गई है क्योंकि इसे अपने सदस्यों से भी पूर्ण रूप से सहमति नहीं मिली है।