भारत के सबसे अमीर लोगों की बात की जाती है तो सबसे पहले नाम देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन के नाम आते है। पर क्या आपके सामने ये सवाल कभी आया हैं कि भारत का सबसे पहला अरबपति कौन रहा होगा? आपमें से बहुत से लोग ये भी सोच रहे होंगे कि पहले के जमाने में भी अमीर लोग रहते थे। आज के अमीर लोगों के बारे में आप सभी को लगभग पता होगा लेकिन क्या आपको मीर उस्मान अली खान के बारे में पता है जिनको अपने देश के पहले अरबपति के रूप में जाना जाता है। आज की खबर में हम आपको इनके बारे में बताने वाले है।
हैदराबाद के अंतिम निज़ाम ( निज़ाम का अर्थ एक प्रकार का शासक होता है ) 1948 में हैदराबाद को भारत संघ में शामिल किए जाने से पहले हैदराबाद के वास्तुकार के रूप में जाने जाने वाले मीर उस्मान अली खान भारत के सबसे अमीर थे। भारत के एकीकरण के समय जब सभी रियासतें जो भारत संघ का हिस्सा बनने के लिए सहमत हुईं उसमे हैदराबाद, जूनागढ़ और जम्मू और कश्मीर काफी ही अमीर रियासतें हुआ करती थी और ये वो रियासतें भी है जिनको भारत संघ में काफी देरी से शामिल किया गया था।
निज़ाम मीर की कहानी
हैदराबाद के अंतिम निज़ाम मीर उस्मान अली खान 1911 में अपने पिता की मृत्यु के बाद सिंहासन पर चढ़े और 1911 से 1948 तक 37 वर्षों तक हैदराबाद पर शासन किया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मीर उस्मान अली खान की कुल संपत्ति 17.47 लाख करोड़ रुपये (230 बिलियन अमरीकी डालर) से भी अधिक आंकी गई थी। अभी के हिसाब से देखें तो निज़ाम की संपत्ति लगभग टेस्ला के संस्थापक एलोन मस्क की कुल संपत्ति के करीब होने का अनुमान है, जो वर्तमान में 286 बिलियन अमरीकी डालर के साथ दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
कुछ ऐसी बातें जो आप नहीं जानते होंगे
रिपोर्टो में ये भी दावा किया जाता है कि उनके पास 50 रोल्स रॉयस कार भी थी। ये भी दावा किया जाता है कि निज़ाम के पास सोने का एक बड़ा से भंडार था। इसकी कीमत 100 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक बताई जाती है। साथ ही एक और एक आभूषण संग्रह थी जिसकी कीमत 400 मिलियन अमरीकी डॉलर थी। निजाम मशहूर जैकब डायमंड के भी मालिक थे, जिसकी कीमत आज 95 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसे उन्होंने पेपरवेट के रूप में इस्तेमाल किया।