इन दिनों गुरुवायुर का केशवन मंदिर खूब सुर्खियों में रहा है। इस मंदिर में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए थे। दरअसल पीएम मोदी केरल यात्रा पर गए थे और उनका मुख्य आकर्षण यह गुरुवायुर मंदिर बना था।
इस मंदिर में पीएम मोदी ने पारंपरिक विधि-विधान से पूजा अर्चना की थी। इस मंदिर में गैर हिंदूओं को नहीं आने दिया जाता है। आज हम आपको भारत के वो मंदिर बताइए जहां पर गैर हिंदुओं को जाने की इजाजत नहीं है।
1. गुरुवायुर मंदिर, केरल
गुरुवायुर मंदिर केरल के त्रिशूर में स्थित है और इसकी धार्मिक आस्था बहुत है। पांच हजार साल यह मंदिर पुराना है। इस मंदिर में हिंदूओं को ही जाने की अनुमति है। इस मंदिर में गैर हिंदूओं को नहीं जाने की इजाजत है। इस मंदिर में भगवान गुरुवायुरप्पन की पूजा होती है। भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु का घर इस मंदिर में माना जाता है। इस मंदिर को बैकुंठ और द्वारिका दक्षिण में बोला जाता है।
2. पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
केरल के तिरुअनन्तपुरम में पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह ऐतिहासिक मंदिर है। धर्म शास्त्रों और पुराणों के बारे में इस मंदिर में बताया गया है। राजा-महाराजों ने इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर के समय स्थापित किया गया था। इस मंदिर में देश-विदेश से लाखों पर्यटक जाते हैं लेकिन गैर-हिंदूओं को यहंा जाना मना है।
3. जगन्नाथ मंदिर, पुरी
विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण को यह जगन्नाथ मंदिर समर्पित किया गया है। यह मंदिर बंगाल की खाड़ी के भुवनेश्वर के पास ही स्थिति है। इस मंदिर में बड़े भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा के साथ भगवान जगन्नाथ विराजते हैं। गैर-हिंदूओं का इस मंदिर में जाना मना है। इस मंदिर के दरवाजे पर लिखा हुआ है कि यहां केवल रुढिवादी हिंदूओं को भीतर जाने की अनुमति है। इस मंदिर में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1984 में दर्शन के लिए गई थी लेकिन उन्हें जाने की इजाजत नहीं मिली।
4. लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
उड़ीसा के भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर बहुत फेमस है। इस मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं लेकिन इस मंदिर में सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों को जाने की इजाजत है। इस मंदिर में हर रोज 6000 भक्त दर्शन करने के लिए जाते हैं। इस मंदिर में दूर पश्चिमी देशों से लोग दर्शन करने केलिए आते थे लेकिन एक विदेशी सैलानी ने 2012 में इस मंदिर के कर्म-कांडों में अड़चन पैदा कर दी थी जिसके बाद से इस मंदिर में गैर-हिंदूओं को जाना बंद कर दिया।
5. कपालेश्वर मंदिर, चेन्नई
चेन्नई के मलायापुर के कपालेश्वर मंदिर को द्रविड़ सभ्यता ने 7वीं शताब्दी में बनाया था। इस मंदिर को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। शंकरजी के नाम पर ही इस मंदिर का नाम रखा गया है। इस मंदिरन में गैर-हिंदूओं के साथ विदेशी पर्यटकों का भी जाना बंद है।
6. कामाक्षी मंदिर
तमिलनाडु के कांचिपुरम में कामाक्षी अम्मन मंदिर में माता पार्वती के कामाक्षी रूपों में पूजा की जाती है। दक्षिण भारत के विख्यात और प्रसिद्ध मंदिरों में कामाक्षी मंदिर का नाम आता है। लेकिन इस मंदिर में गैर-हिंदूओं का जाना मना है।