हिन्दू पंचाग के अनुसार साल में कई एकादशी आती है लेकिन, निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व हिंदू धर्म मे बहुत माना जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत करने वालों को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।वैसे तो बहुत से लोग साल में पड़ने वाले सभी एकादशी का व्रत रखते हैं। लेकिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का फल विशेष पुण्यदायी माना जाता है।
धार्मिक मान्यता अनुसार जो व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत रखते हैं, उन्हें वर्ष भर के एकादशी व्रत का फल मिलता है। इस एकादशी को निर्जला एकादशी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस व्रत में पानी पीना भी वर्जित होता है। इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून यानी शुक्रवार को रखा जाएगा।आइए जानते हैं इस व्रत में किस विधि से करें पूजा।
निर्जला एकादशी व्रत पूजा विधि
एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव को जल चढ़ाएं। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की पूजा करें। इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है, उसे भगवान विष्णु की प्रतिमा पर पानी वाला नारियल, फूल, फल, धूप, दीप, कपूर, पंचामृत, पान, लौंग, सुपारी और चंदन अर्पित करना चाहिए।
इस दिन भगवान विष्णु की अराधना करते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत कल्याणकारी होता है। साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा भी जाती है। कहते हैं सही समय और सही विधि से पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त
निर्जला एकादशी शुक्रवार- 10 जून 2022
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जून 10, 2022 को सुबह 07 बजकर 25 मिनट से शुरु
एकादशी तिथि समाप्त – जून 11, 2022 को सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर समाप्त