इस साल दिवाली का पर्व पूरे देश में 27 अक्टूबर यानी रविवार को मनाया जाएगा। दिवाली को लेकर पूरे भारत देश में बहुत ज्यादा क्रेज है। भारत देश में ऐसा क्रेज आपको दूसरे किसी त्योहार के लिए नहीं मिलेगा। भारत देश में दिवाली का पर्व 4 दिन तक मनाया जाता है।
दिवाली का पर्व के पहले दिन धनतेरस मनाया जाता है फिर छोटी दिवाली मनाई जाती है उसके बाद बड़ी दिवाली मनाई जाती है। भारत में कुछ लोग छठ का त्योहार भी मनाते हैं जिसके बाद 12 दिनों तक यह त्योहार मनाया जाता है। ऐसा ही एक पर्व नेपाल में भी मनाया जाता है। जो कि भारत की दिवाली जैसा होता है। नेपाल में लोग दिवाली कुत्तों की पूजा करके मनाते हैं।
इसे तिहार का त्योहार भी कहते हैं
तिहार के नाम से नेपाल में दिवाली कहा जाता है। भारत में जैसे दिवाली मनाते हैं वैसे ही नेपाल में तिहार मनाया जाता है। यहां पर लोग तिहार के मौके पर दीए जलाते हैं, एक दूसरे में खुशियां बांटते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं। नेपाल में तिहार पर्व के अगले दिन दिवाली जैसा दूसरा पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को कुुकुर तिहार कहते हैं। कुत्तों की पूजा इस दिन नेपाल में करते हैं।
तिलक और फूलों की माला पहनाते हैं
कुकुर तिहार नेपाल में 5 दिन तक चलता है। इस पर्व में अलग-अलग जानवरों की लोग पूजा करते हैं। गाय, कुत्ते, कौआ, बैल इन सबकी पूजा इस दिन की जाती है। कुत्तों को कुकुर तिहार के दिन सम्मानित भी किया जाता है। फूलों की माला भी कुत्तों को पहनाते हैं। साथ ही तिलक भी लगाते हैं।
पिलाई जाती है दही भी
इस दिन कुत्तों को दही भी पिलाते हैं। साथ ही अंडे और दूध भी कुत्तों को खाने के लिए दिया जाता है। इस दिन लोग कामना करते हैं कि कुत्तों का साथ हमेशा बना रहे।
तिहार क्यों मनाते हैं?
शास्त्रों में कहा गया है कि यम देवता का संदेशवाहक कुत्ते हैं। नेपाल में कहा जाता है कि इंसानों की रक्षा कुत्ते मरने के बाद भी करते हैं। यही वजह है कि कुत्तों की पूजा इस दिन करते हैं। यह त्योहार एक संदेश जानवरों के प्रति देता है। आप भी अपनी इस दिवाली को किसी कुत्ते को खाना खिलाकर खास बना सकते हैं।