बहुत से राज़ दफ़न हैं बिहार के इस महल में, जानकर रह जाएंगे दंग - Punjab Kesari
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बहुत से राज़ दफ़न हैं बिहार के इस महल में, जानकर रह जाएंगे दंग

वास्तव में गुठनी के रहने वाले नूरी मियां ने करीब आज से 140 से 145 साल पहले अपने

इस दुनिया में बहुत सी चीज़े अनोखी होती हैं और बहुत सी चीज़ों के पीछे अनेकों राज़ दफ़न होते हैं। कुछ जगह रहस्मयी होती है तो कुछ का राज़ दुनिया के सामने आ जाता हैं। आज हम बात करने जा रहें हैं ऐसी ही जगह कि जो बिहार के सीवान जिले में मौजूद हैं। ये रहस्मयी राज़ एक महल के बारे में हैं। जिसके बारे में जान कर आप हक्के-बक्के रह जाएंगे। वास्तव में जिस महल की हम बात करने वाले हैं।
यह सीवान जिला के गुठनी में मौजूद बलुआ गांव स्थित नूरी मियां का ऐतिहासिक, प्रसिद्ध और पुराना महल है. असा मानना है कि यह महल करीब 140 से 145 साल पुराण है। इस महल को लेकर बहुत सी अलह अलग बातें भी काफी मशहूर हैं। सबसे हैरानी की बात कि इस महल में 10 कुओं का एक राज़ छिपा हुआ हैं। कहा जाता हैं कि इन कुओं से लगभग सैंकड़ो सालों पहले गर्म और ठंडा पानी निकलता था। 
वास्तव में ऐसा था भी या नहीं इसका पता आज तक कोई नहीं लगा पाया हैं। आज भी लोगों भी बीच ये एक बहुत बड़ी गुत्थी बनी हुई है। 
महल का निर्माण कार्य है बेहद खूबसूरत 
वास्तव में गुठनी के रहने वाले नूरी मियां ने करीब आज से 140 से 145 साल पहले अपने रहने के लिए इस बड़े और सुन्दर महल का निर्माण करवाया था। जब तक वो ज़िंदा थे तबबतक उन्होंने इसी महल में शरण ली। वहां के रहने वाले लोकल लोगों की माने तो यह महल पूरी तरह से एक भूल-भुलैया वाले ढांचे में बनाया गया था और उनके कमरे भी काफी विशाल थे। देखा जाएं तो यह महल अपने आप में बहुत से रहस्य को दबाएं हुआ था। महल की दीवारों पर मुग़ल काल की एक से एक बढ़कर बेहद खूबसूरत चित्रकारियाँ की हुई थीं। जो उस महल की खूबसूरती में चार चाँद लगाने का काम करती थी। उस समय पर इस  महल में मौजूद उन 10 कुओं की भी खुदाई कराइ गई थी। जिनमें से गरम और ठंडा पानी निकालता था। ख़ास बात ये थी कि उस्स्पानि का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ वहीँ लोग कर सकते थे जो नूरी मियां के परिवार से थे। 

आखिर क्या हैं ये महल का राज़?
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असल में नूरी मिया ने इस महल को अंदर से भूल-भुलैया की तरह बनवाया था जिससे कि कोई भी अनजान व्यक्ति इसके अंदर आ न सकें। नूरी मिया के निधन के बाद उनके परिवार वाले ये महल छोड़कर दिल्ली जा बसे। उसके बाद से धीरे धीरे ये महल एक खंडहर बन गया और बंद रहा। इसके बंद होने के बाद से आज तक इसके अंदर कोई नहीं गया हैं। ऐसा बताया जाता हैं कि कई लोग इस रहस्य को जानने के लिए इस महल में गए थे लेकिन उनमे से कोई भी आज तक बाहर नहीं आ सका हैं। जब ये सब बातें गांव वालों के बीच फ़ैल गई तो लोगों के बीच एक डर का माहौल बन गया। लोगों का यहां पर ऐसा भी कहना हैं कि जो एक बार अंदर जाता हैं वह बच कर दोबारा बाहर नहीं आता हैं। यहीं कारण हैं कि इस महल के अंदर लोग नहीं जाते हैं। 
महल को देखने कोंसो दूर से आते हैं लोग 
आपको यह भी बता दें की इस महल को देखने के लिए बहुत दूर दूर से भी लोग आते हैं। इतना ही नहीं बल्कि बहुत बार बड़े बड़े इतिहासकारों ने भी यहां आकर उस महल के बारे में जाँच पड़ताल की हैं और उस पर काफी रिसर्च भी की हैं। इस महल में बहुत से राज़ दफ़न हैं। महल के राज़ों ने ही अपनी तरफ लोगों का ध्यान लगा रखा हैं। महल के मुख्य दरवाज़े पर बहुत ही खूबसूरत तरीके से मुगल शासन के समय की कलाकृतिया बनाई गई है, जो अब भी नई सी लगती हैं। 

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