श्राद्ध और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, ऐसा करने से कुंडली में पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है। तथा सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का निवारण होता है। कहा जाता है कि पितृपक्ष में पितृ अपने परिजनों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी लोक पर आते हैं। ऐसे में पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी इन कार्यों को नहीं करना चाहिए अन्यथा आपको किसी भी श्राद्ध का फल नहीं मिलेगा। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं पितृपक्ष के दौरान आपको किन कार्यों से बचना चाहिए।
1.पितृ पक्ष या श्राद्ध पर्व के दौरान कोई भी शुभ काम न करें। ये समय अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट कराने का होता है इसलिए इन 15 दिनों में कोई खुशी या जश्न नहीं मनाना चाहिए। इस दौरान किए गए शुभ काम भी अशुभ फल देते हैं।
2.श्राद्ध के समय लोहे के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि पितृपक्ष में अगर लोहे के बर्तन इस्तेमाल किया। तो इसके परिवार पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।
3.पितृ पक्ष में सादा जीवन जीना चाहिए। इस दौरान लहसुन-प्याज, नॉनवेज का सेवन न करें। ना ही शराब पिएं।
4.पितृ पक्ष में बैंगन भी नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा श्राद्ध के लिए बनाए गए भोजन में मसूर, काली उड़द, चना, काला जीरा, काला नमक, काली सरसों और कोई भी अशुद्ध या बासी खाद्य पदार्थ का प्रयोग न करें, वरना पितृ नाराज हो सकते हैं।
5.श्राद्ध कर्म के दौरान चमड़े की किसी वस्तु का उपयोग न करें। ना ही चमड़े के बेल्ट आदि पहनकर श्राद्ध कर्म करें।
6. श्राद्ध कर्म करने वाला व्यक्ति 15 दिन के दौरान नाखून-बाल न काटे।
7.इस दौरान नए वस्त्र भी नहीं पहनने चाहिए, इससे पितृ दोष लगता है।