कई अनोखे मंदिर भारत में आपको देखने को मिल जाएंगे। मध्य प्रदेश के रतलाम शहर के माणक में ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है। खासतौर पर भारत के सभी मंदिरों में प्रसाद के रूप में भक्तों को मिठाई या फिर खाने की चीज मिलती हैं लेकि इस मंदिर में भक्तों को गहने प्रसाद के रूप में दिए जाते हैं।
यह मां महालक्ष्मी का मंदिर है। महालक्षमी के दर्शन करने जितने भी भक्त आते हैं उन्हें प्रसाद के रूप में सोने-चांदी के सिक्के दिए जाते हैं। पूरे साल महालक्षमी के इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। माता को करोड़ों रुपए के गहने और पैसे भक्त चढ़ावे के तौर पर चढ़ाते हैं।
इस मंदिर में दीपावली के खास मौके पर धनतेरस के दिन से लेकर दीपोत्सव का आयोजन पांच दिनों तक लगाया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस मौके पर पूरे मंदिर को फूलों से सजाते होंगे तो हम आपको बता दें कि नहीं भक्त जो माता को गहनें और रूपए चढ़ाते हैं उन्हीं से मंदिर को सजाया जाता है।
मंदिर में कुबेर का दरबार दीपोत्सव के दौरान लगता है। इस उत्सव में प्रसाद के रूप में भक्तों को गहने और रूपए-पैसे मिलते हैं। इस मंदिर के कपाट दीपावली के दिन पूरे 24 घंटे तक खुले रहते हैं। इस मंदिर में महिला भक्तों को धनतेरस के अवसर पर कुबेर की पाटली देते हैं। जो भी भक्त इस उत्सव में मंदिर आता है वह कभी खाली हाथ नहीं जाता है। भक्तों को कोई न कोई प्रसाद जरूर मिलता है।
दशकों से गहने और रुपए इस मंदिर में चढ़ाए जाते हैं। इस मंदिर में पहले यहां के राजा राज्य की समृद्धि के लिए धन और गहने चढ़ाते थे। अब मंदिर में वैसे ही भक्त जेवर, पैसे माता के चरणों में चढ़ाते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा जेवर और रुपए चढ़ाने से घरों में हमेशा बनी रहती है।