इस तीर्थ स्थल का नाम प्रयागराज कैसे पड़ा, ये कहानी दिलचस्प है
प्रयागराज नाम पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है
कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने यहां पर यज्ञ किया था, जिसके बाद यज्ञ से ‘प्र’ और ‘याग’ बना और इस जगह का नाम प्रयाग पड़ गया
यह शहर गंगा, यमुना, और सरस्वती तीनों नदियों का संगम स्थल, यही वजह है कि इसे ‘प्रयागों’ का राजा यानी प्रयागराज कहा गया
प्रयागराज को तीर्थों का राजा तीर्थराज और त्रिवेणी संगम के नाम से भी जाना जाता है
हर साल यहां पर जनवरी-फ़रवरी में माघ का मेले का आयोजन होता है
ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान विष्णु स्वयं माधव रूप में विराजमान हैं
प्रयागराज का नाम पहले इलाहाबाद हुआ करता था
इससे पहले इस शहर का नाम इलाहाबाद था, लेकिन साल 2018 में यूपी सरकार ने इसका नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था