भारत के इस मंदिर में पूजे जाते हैं भगवान हनुमान और उनकी पत्नी - Punjab Kesari
Girl in a jacket

भारत के इस मंदिर में पूजे जाते हैं भगवान हनुमान और उनकी पत्नी

हनुमान जी और उनकी पत्नी का अनोखा मंदिर, जानें इसकी कहानी

तेलंगाना के खम्मा जिले में स्थित एक अनोखे मंदिर में भगवान हनुमान और उनकी पत्नी सुर्वचला की पूजा होती है। हनुमान जयंती के अवसर पर इस मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, हनुमान जी की शादी ज्येष्ठ शुद्ध दशमी को हुई थी, जिसे यहां बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

आज देश भर में हनुमान जयंती की धूम है। ऐसे में क्या आपको भारत में स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में पता है, जहां भगवान हनुमान और उनकी पत्नी सुर्वचला की पूजा होती है। तो चलिए बताते है, तेलंगना के खम्मा जिले में हनुमान और उनकी पत्नी का एक मंदिर है। यह मंदिर काफी सालों से लोगों के आस्था का केंद्र रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हनुमान जी की शादी ज्‍येष्‍ठ शुद्ध दशमी को पत्‍नी सुर्वचला के साथ हुई थी। तब से यहां के लोग इस तिथि को विशेष तौर पर सेलिब्रेट करते हैं।

लोगों के लिए आश्‍चर्य की बात

हालांकि हनुमान जी से जुड़ी यह बात अन्य लोगों के लिए किसी आश्‍चर्य से कम नहीं है। क्‍योंकि बजरंगबली को बाल ब्रह्मचारी बोला जाता है। माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे भारत देश में आज के हरियाणा राज्य के कैथल जिले में हुआ था जिसे पहले कपिस्थल कहा जाता था। तो आइए जानते हैं क्या है अंजनी पुत्र की शादी की सच्चाई।

क्यों हुआ था विवाह ?

भगवान हनुमान सूर्य देव को अपना गुरु मानते थे, सूर्य देव के पास नौ तरह की दिव्य विद्याएं थी। ऐसे में बजरंगबली इन विद्याओं को प्राप्त करना चाहते थे। सूर्य देव प्रसन्न हो कर 9 में से पांच विद्याओं को हनुमान जी को दे दिया। और चार विद्याओं का ज्ञान देने पर मना कर दिए। उन्होंने कहा कि इन बचे हुए चार विद्याओं को मैं उन्ही शिष्य को दूंगा, जो विवाहित होंगे। फिर क्या हनुमान जी तो बाल बरह्मचारी थे, उन्हें इन चार विद्याओं को देने में सूर्य देव सोच में पड़ गए। तो फिर इस परेशानी को दूर करने के लिए सूर्य देव ने उन्हें विवाह करने का सलाह दिए। पहले तो हनुमानजी विवाह के लिए राजी नहीं हुए, लेकिन उन्हें शेष 4 विद्याओं का ज्ञान प्राप्त करना था। इस कारण हनुमानजी विवाह के लिए राजी हो गए।

पत्नी होने के बावजूद रहे ब्रह्मचारी

हनुमान जी को सूर्य देव से आदेश मिलने के बाद विवाह के लिए हामी भरना पड़ा। उस दौरान सूर्य देव के तेज से एक सुन्दर कन्या का जन्म हुआ। इसका नाम सुवर्चला रखा गया। सूर्य देव ने कहा सुवर्चला से विवाह करने के बावजूद भी तुम बाल ब्रह्मचारी ही कहे जाओगे। क्योंकि सुवर्चला तुमसे विवाह के पश्चात फिर से तपस्या में लीन हो जायेगी। ऐसे में हनुमान जी को आज भी बाल ब्रह्मचारी ही कहा जाता है।

Hanuman Jayanti 2025 : बजरंगबली को चढ़ाएं ये भोग, सभी मनोकामना होगी पूरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

7 + eight =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।