कोरोनावायरस महामारी ने हमारे देश के मजदूरों की जिंदगी को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है। हजारों की संख्या में भूखे-प्यासे मजदूर सड़कों पर पैदल ही अपने घरों के लिए चल दिए हैं। अगर इन मजदूरों को रास्ते में कोई खाने के लिए दे देता है तो खा लेते हैं वर्ना यह अपनी मंजिल की और चलते रहते हैं।
लॉकडाउन को देश में लगे हुए 50 दिन से ज्यादा हो चुका है। कुछ मजदूरों ने जुगाड़ की मदद से बीवी-बच्चों के सफर को आसान बना दिया है। सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो आजकल वायरल होती रहती हैं। पिछले दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही थी जिसमें बच्चा पहिए वाले सूटकेस पर लेटा है और मां उसे घसीट रही है।
ये निगाहें सवाल तो नहीं पूछ रही!
सोशल मीडिया पर एक नयी तस्वीर सामने आयी है जिसमें एक दिव्यांग बच्चा की है। जिसमें दिख रहा है कि अपने पिता की साइकिल से बंधे एक प्लास्टिक के टूकड़े में इस गर्मी के मौसम में लेता हुआ है जो आसमान को देख रहा है शायद आपको भी। उसका खूबसूरत बचपन क्या यही है?
सुहाना है जिंदगी का एक सफर!
सीट और साइकिल के हैंडल के बीच बोरी के इस टूकड़े को मौजूद डंडे से बांधकर झूला सा बनाया हुआ है। कई दिलों को भावुक इसमें झांकती मासूम निगाहों ने कर दिया है।
सबकुछ है साईकिल पर…
बहुत सा सामान इस मजदूर ने अपनी साईकिल पर लाद रखा है। बर्तनों को पीछे लटका रखा है तो वहीं हैंडल पर कई थैले हैं। दिल्ली से उत्तर प्रदेश की तरफ यह परिवार जा रहा था। साईकिल में एक बच्ची धक्का लगा रही है तो वहीं तारकोल की सड़क पर बाकी बच्चे नंगे पैर ही अपने बचपन को तलाशते हुए बढ़ते जा रहे हैं।