दुनिया में कई सारे ऐसे धार्मिक स्थल है जिनसे कोई ना कोई रहस्य जरूर जुड़ा हुआ है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन इन धार्मिक स्थलों पर रात को जाना सख्त मना भी है। ऐसे में कहा जाता है कि जो इंसान रात के समय पर इन जगहों पर गया या रुककर मंदिर के रहस्य देखने की कोशिश भी करी तो वह इंसान वापस जिंदा नहीं बच पता।
1.किराडू मंदिर राजस्थान
बाड़मेर का मशहूर मंदिर किराडू है। इस जगह पर पांच मंदिरों की एक बेहद सुंदर श्रृंखला है। इसमें एक भगवान विष्णु का है बाकी सभी महादेव के हैं। ये मंदिर बेहतर खूबसूरत तरीके से बना हुआ है कि इसे राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है। लेकिन अगर इस मंदिर में रात को कोई भी इंसान रुकता है तो वह वापस लौटकर दोबारा नहीं आता है। कहा जाता है कि किराडू एक साधू शाप है।
इस कथानक के मुताबिक एक बार एक साधु अपने शिष्यों के साथ इस शहर में आए गए तो वह कुछ दिन रहने के बाद साधु देश भ्रमण पर निकल गए। एक दम से ही उनके शिष्य बीमार पड़ गए। लेकिन गांव के लोगों ने उनकी देखभाल नहीं कि लेकिन उसी गांव में एक कुम्हारिन थी जिसने उन सारे शिष्यों की देखभाल की थी। लेकिन जब साधु ने वापस आकर अपने शिष्यो की नाजुक हालत को देखा तो उन्हें बहुत दुख हुआ और उन्होंने वहां पर रह रहे लोगों को शाप दे दिया। उनके शाप देते ही सारे पाषाण के हो गए।
लेकिन साधु ने उस कुम्हारिनक को कहा वह यहां से शाम होने से पहले चली जाए। और जब जाए तो पीछे मुड़कर गलती से भी ना देखें वर्ना पाषाण की बन जाएगी। लेकिन मना करने के बावजूद भी जब वो वहां से जाने लगी तो उसने साधु को परखने के लिए पीछे मुड़कर देखा तो उसी वक्त वह भी पाषाण की बन गई। बोला जाता है कि वहां शाम को जो भी ठहरता है वह पाषाण बन जाता है। इसलिए शाम होने से पहले वहां से लोग वापस आ जाते हैं।
2.मां शारदा देवी मंदिर
अपने भक्तों को मन मांगी मुराद देने वाली मां शारदा का ये मंदिर विंध्याचल पर्वत की चोटी पर है। ऐसा कहा जात है कि इस मंदिर के निर्माण से लेकर और आज तक भी मां शारदा की पूजा-अर्चना सबसे पहले आल्हा ही करते हैं। बताया जाता है कि जब सुबह मंदिर के पट खोले जाते हैं तो वहां पर मां के चरणों में जल के साथ ही एक फल और फूल चढ़ा हुआ मिलता है।
जबकि आज तक कोई भी आल्हा को देख नहीं सका है। क्योंकि मंदिर विंध्याचल पर्वत की चोटी पर है तो रात को पंडित भी वहां पर नहीं रूकते हैं। यहां पर जो भी रात को आल्हा को देखने के लिए प्रयास करता है तो उसकी मौत हो जाती है।
3.निधिवन
बताया जाता है कि निधिवन में भगवान कृष्ण राधा और गोपियों के साथ रासलीला रचाते हैं और फिर यहां पर रंग महल में आराम करते हैं। इसलिए शाम को उनके लिए रंगमहल में एक लोटा पानी,पान और खाने का सामान रखते है। सुबह जब रंगमहल का ताला खोला जाता है तो सारा सामान उथल-पुथल मिलता है। बेड पर चादर भी सिकुडी हुई मिलती है जैसे किसी ने चादर का इस्तेमाल किया हो।
वहां के लोगों का कहना है कि यादि कोई भी इस रासलीला को देखने का प्रयास करता है वह गूंगा,बहरा,अंधा और कईयों की तो मौत हो जाता है। निधिवन में शाम की 7 बजे वाली आरती होने के बाद वहां का इलाका खाली होना शुरू हो जाता है यहां तक भी पंडित और जानवर भी इस इलाके को खाली कर देते हैं।
4.भानगढ़ किला
भानगढ़ किले में कई सारे मंदिर हैं। शाम होने के बाद इस किले में कोई अंदर नहीं जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह पूरा किला ही शापित है। ये किला राजस्थान के अलवर जिले में से सबसे डरावनी जगहों में से एक है। इस जगह के लिए सरकार की तरफ से सख्त आदेश जारी किए हुए है कि कोई भी इंसान शाम को 6 बजे के बाद इस किले के अंदर या आसपास ना जाए।
ऐसा बताया जाता है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती बहुत सुंदर थी। वहीं भानगढ़ का एक तांत्रिक उनकेरूप पर मोहित हो गया वो उनसे शादी करना चाहता था जो कि मुमकिन नहीं था। राजकुमारी को पाने के लिए तांत्रिक ने तेल खरीदने आई उनकी दासी को अभिमंत्रित तेल दे दिया ताकि रत्नावती उनके पास आ जाए। लेकिन दासी के हाथ से वह शीश छूटकर गिर गई और तेल पास की ही शिला पर जा गिरा। इसके बाद शिला तांत्रिक के पास खिंचने लगी।
इस वजह से शिला के नीचे दबने से उस तांत्रिक की मृत्यु हो गई। अपनी मौत से पहले तांत्रिक ने समस्त नगरवासियों के विनाश का शाप दिया। ऐसा कहा जाता है कि जैसे ही तांत्रिक की मौत हुई तो राजकुमारी के साथ बाकी सारे नगरवासियों की भी मौत हो गई। एक ही रात में सब कुछ खत्म हो गया इसलिए कहते हैं कि वहां पर लोगों की आत्माएं भटकती है जिस वहज से रात के समय में महल से घुंघुरूओं की आवाजें आती हैं।
5.कानपुर का भूतों वाला मंदिर
कानपुर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गुप्तकालीन मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण अमावस की रात को किया गया था इसे मंदिर को भूतों वाला मंदिर भी कहा जाता है क्योंकि इस मंदिर के अंदर किसी भी भगवान की कोई मूर्ति नहीं है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि पहले इस मंदिर में मूर्तियां थी और विधि-विधान से पूजा भी की जाती थी लेकिन मुगलों के शासन में यहां से अष्टïधातुओं वाली मूर्तियां चोरी हो गई। तब से ही ये मंदिर खाली हो गया यहां पर आने-जाने वाले हर एक शख्स को अजीब सी आवाजें सुनाई देती है। बोला जाता है कि यादि शाम के समय कोई भी इस मंदिर के अंदर गया तो उसे कोई अज्ञात बीमारी हो जाती है।