गंगा-जमुना तहज़ीब की अनूठी मिशाल पेश करने वाली दुनिया की सबसे अनोखी जगह जहां आज भी पूरी भक्ति से शिव और मजार की पूजा एक साथ की जाती है। शायद ही आपको किसी ऐसे जगह के बारे में पता होगा। आज के इस खबर में हम आपको भारत के एक ऐसे जगहों के बारे में बताएँगे, जहां हिंदू मुस्लिम एक साथ में पूजा करते है, तो आप वीडियो में बने रहे।
ये अनोखा मंदिर बिहार से समस्तीपुर जिला के मैरवा में है। इस मंदिर को खुदनेश्वर धाम मंदिर के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि खुदनेश्वरधाम बिहार के अलावा देश का एकमात्र मंदिर है, जहां शिवलिंग के साथ मजार की पूजा की जाती है और दोनों एक छत के नीचे हैं।
खुदनेश्वर महादेव मंदिर
लोग मानते हैं कि यहां सच्चे मन से पूजा करने वालों की सारी मन्नतें पूरी होती हैं। स्थानीय लोग इसे खुदनेश्वर स्थान, खुदनेश्वर धाम, खुदनेश्वर महादेव मंदिर और बाबा खुदनेश्वर धाम भी कहते हैं। बताया जाता है मंदिर का नाम मुस्लिम महिला खुदनी बीबी के नाम पर रखा गया था।
यहां आने वाले सभी लोग शिवलिंग की पूजा करने के बाद मजार की भी उसी तरह पूजा करते हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर की नींव ब्रिटिश काल में 1858 में नरहन एस्टेट ने की थी। तब से आज तक, यह मंदिर बहुत बदल गया है। धार्मिक न्यास बोर्ड ने इसका निर्माण किया था। पुरानी कहानियों के अनुसार, चौदहवीं सदी में इस क्षेत्र में घना जंगल था। लोग यहां पर मवेशियों को चराने के लिए लाए जाते थे।
एक मुस्लिम महिला, खुदनी बीबी, अपनी गाय लेकर आती थी। जब खुदनी बीबी गाय चराकर घर लौटती थी, गाय से दूध निकालने पर दूध नहीं निकलता था। लगातार गाय के दूध नहीं देने से महिला परेशान हो गई पर एक दिन, जब वह गाय को चराने गई तो उसने देखा कि उसकी गाय एक जगह पर रोज खड़ी होकर अपने थन से दूध गिरा रही होती है। उस रात, भगवान खुद उसके सपने में आए और भगवान ने खुदनी बीबी से कहा कि उसने जंगल में जो कुछ देखा।
वो किसी को नहीं बताएं, लेकिन खुदनी बीबी ने अपने परिवार को ये बात बताई। जिसके बाद संयोग से खुदनी बीबी उसी रात मर गई। उनको दफनाने के लिए उसी स्थान पर जंगल में गए, जहां गाय हर दिन अपना दूध गिरा देती थी। बताया जाता है कब्र खोदते समय शिवलिंग कुदाल से टकरा गया। बाद में खुदनी पत्नी को उस स्थान से दक्षिण की ओर एक और कब्र में दफन कर दिया। तब से यह स्थान खुदनेश्वर धाम के नाम से जाना जाता था।