कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन भगवान लक्ष्मी नारायण और चंद्र देवता की पूजा का विशेष महत्व है। आर्थिक दिक्कतों को दूर और सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद दिलाने वाले कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरुर करें ये सरल उपाय।
धर्म-शास्त्रों में सभी मास में कार्तिक माह सर्वश्रेष्ठ और पवित्र माना गया है।कार्तिक की पूर्णिमा विशेष तौर पर खास मानी जाती है।कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दीपदान और व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।विष्णु पुराण के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार धारण किया था।यह श्रीहरि का पहला अवतार माना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा 2022
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा तिथि 07 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 15 मिनट से शुरू हो रही है। पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 08 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 31 मिनट पर होगी। उदयातिथि के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 8 नवंबर 2022, मंगलवार रखा जाएगा।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवी-देवता दिवाली मनाने के लिए भूलोक पर आते हैं। इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु के संग माता लक्ष्मी और चंद्र देवता की पूजा का विशेष महत्व है।आइए कार्तिक पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले सरल एव चमत्कारी उपाय के बारे में जानते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा की उपाय
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह तुलसी जी की विधि-विधान से पूजा करके शाम को उनके सामने शुद्ध देशी घी का दिया जलाना चाहिए।इस उपाय को करने पर सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-ध्यान के बाद पीपल के पेड़ की जड़ों में मीठा जल डालने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन-धान्य से घर भर देती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन रात के समय चंद्र देवता को दूध, गंगाजल और अक्षत मिलाकर अघ्र्य देना चाहि। इस उपाय को करने पर कुंडली से जुड़ा चंद्र दोष दूर होता है। अघ्र्य देने के बाद चंद्रदेव के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’का जप करना न भूलें।
कार्तिक पूर्णिमा की शाम को विशेष रूप से चंद्र दर्शन करना चाहिए।यदि इस दिन पति-पत्नी साथ मिलकर चंद्रमा का दर्शन और उन्हें गाय के दूध का अघ्र्य देते हैं तो उनके दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।
धन-धान्य की कामना रखने वाले लोगों को कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री सूक्त, कनकधारा स्त्रोत, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। माता लक्ष्मी की पूजा के साथ इनमें से यदि किसी एक का पाठ आप श्रद्धा भाव से करते हैं तो माता लक्ष्मी अवश्य ही प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।