Jarawa Tribe: जिनके इलाके में कदम रखने से कतराती है सरकार भी, क्योंकि जो वहां जाता है वापस लौटकर नहीं आता - Punjab Kesari
Girl in a jacket

Jarawa Tribe: जिनके इलाके में कदम रखने से कतराती है सरकार भी, क्योंकि जो वहां जाता है वापस लौटकर नहीं आता

भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर यहां बाहरी लोगों के जाने पर पाबंदी लगाई हुई है, क्योंकि ये

आज हर देश में लोकतंत्र है, ऐसे में राजा नहीं सरकार का काम अपने देशवासियों की रक्षा करने का होता है। एक देश के अंदर रहने वाले सभी लोगों की जिम्मेदारी सरकार की होती है। फिर चाहे वे जंगल में रहने वाली कोई जनजाति ही क्यों ना हो। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी दुनिया में एक ऐसी जनजाति है जिनके इलाके में आम इंसान क्या सरकार भी पैर रखने से कतराती है। इस जनजाति का नाम Jarawa Tribe है।
1693054019 asmat tribe 1658140154
बाहरी लोगों का दखल नहीं पसंद
जारवा जनजाति जिन्हें सेंटिनेलिस के नाम से भी जाना जाता है, वह आदिवासी सेंटिनल द्वीप और अंडमान के एक दूसरे द्वीप ओंगे में रहते हैं। इस जनजाति के लगभग 400 लोग ही जीवित है। आपको बता दें कि इस जनजाति के लोगों को अपनी जिंदगी में बाहरी लोगों का दखल बिल्कुल पसंद नहीं है। यह ही कारण है कि भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर यहां बाहरी लोगों के जाने पर पाबंदी लगाई हुई है, क्योंकि ये जनजाति बेहद खतरनाक है और इन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं कि कोई वहां आए। ये लोग बाहरी दुनिया से संपर्क रखना पसंद नहीं करते हैं। यदि इनका सामना किसी बाहरी इंसान से हो जाए तो ये काफी हिंसक हो जाते हैं।
1693054084 asmat tribe 1658140273
सरकार भी रहती है इनसे दूर
आपको जानकर हैरानी होगी की यह एक ही ऐसी जनजाति है, जिनके अंदरूनी मामलों में भारत सरकार भी दखल नहीं देती है। इतना ही नहीं इस जगह पर उद्योगपति, सरकारी ऑफिसर, पुलिस और आर्मी को भी जाने की अनुमति नहीं है। क्योंकि इन्हें अपने जीवन में किसी बाहरी व्यक्ति का होना बिल्कुल नहीं भाता हैं।
1693054171 wodaabe tribe 1686726319
जो वहां गया वो वापस नहीं आया
हालांकि सरकार इनके इलाके में पैर नहीं रखती है। लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2004 में आई सुनामी के बाद अंडमान द्वीप पर भारी तबाही मची थी, जिसके बाद जानवा जनजाति का हाल जानने के लिए भारतीय तटरक्षक दल ने वहां जाने का फैसला लिया, लेकिन इन्हें यह भी पसंद नहीं आया और इन्होंने आग के तीर चलाकर हेलिकॉप्टरों में आग लगा दी। इसके बाद वहां जाने की कोशिश बंद कर दी गई। वहीं एक बार  साल 2006 में गलती से कुछ मछुआरे इस द्वीप पर पहुंच गए थे, जो उनके लिए काफी बुरा साबित हुआ। इस जनजाति के लोगों ने उनको जिंदा नहीं छोड़ा।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 5 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।