हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन सुबह से लेकर आधी रात पूजा-अनुष्ठान के कई कार्यक्रम किए जाते हैं। घर में कान्हा के लिए कई तरह के भोग और प्रिय व्यंजन बनाए जाते हैं और कान्हा जी को भोग लगाया जाता है।
वैसे तो मान्यता है कि भगवान कृष्ण को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं। लेकिन घर में 56 तरह के भोग बनाना काफी मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं एक ऐसी चीज है जो कान्हा जी को अति प्रिय है और आप इसका भोग कान्हा जी लगा सकते हैं।
पौराणिक कथाओ के मुताबिक बाल-गोपाल को माखन यानि मक्खन खाना सबसे ज्यादा पसंद था। इतना ही नहीं उनके माखन खाने के पीछे तो एक बार उनकी मां यशोदा ने उन्हें दंड भी दे दिया था। कान्हा जी तो मक्खन खाने के इतना ज्यादा शौकीन थे कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर मक्खन चुराया करते थे।
इसी वजह से उन्हें माखन चोर भी कहा जाता था। ऐसा कहा जाता है कि मैया यशोदा अपने हाथों से कान्हा जी को माखन मिश्री का भोग लगती थी। इसलिए अगर आप भी कान्हा जी को जन्माष्टमी के दिन प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें आप इस जन्माष्टमी पर ताजे माखन मिश्री का भोग लगाएं।
इसके साथ जन्माष्टमी की पूजा के दौरान भगवान श्री कृष्ण को खीरा भी चढ़ाया जाता है। इतना ही नहीं शालीग्राम के रूप में जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म होता है तो उन्हें खीरे के अंदर से ही बाहर निकाला जाता है। ऐसे में जन्माष्टमी पर खीरा चढ़ाने का विशेष महत्व होता है। यदि आप इस दिन कान्हा जी को खीरे का भोग लगाते है तो इससे धन लाभ के प्रबल योग बनते हैं और आर्थिक समस्या दूर होने लगती है।
यही नहीं ये आपको जीवन की मुसीबतों से छुटकारा भी दिलाता हैं। जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान के बाद किसी भी राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर श्रीकृष्ण जी को पीले फूलों की माला चढ़ाएं।इससे धन लाभ के प्रबल योग बनते हैं और आर्थिक समस्या दूर होने लगती है। इस दिन किसी मंदिर में पीले रंग के कपड़े, पीले फल, पीला अनाज और पीली मिठाई दान करने से जीवन में धन और यश बढ़ता है।