इस देश में सुअर को करीब से देखने के लिए देने पड़ते हैं लाखो रुपए, पांडा-सुअर को घर ले जाना की भी हैं इजाजत! - Punjab Kesari
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इस देश में सुअर को करीब से देखने के लिए देने पड़ते हैं लाखो रुपए, पांडा-सुअर को घर ले जाना की भी हैं इजाजत!

आपने कई मॉन्यूमेंट्स और भी कुछ देखने के लिए कई बार पैसे खर्च किये होंगे लेकिन क्या कभी

हर किसी का अपना टैस्ट होता हैं अपनी एक पसंद होती हैं उसी के हिसाब से लोग का नज़रियाँ तय होता हैं लेकिन क्या कभी सुना हैं कि किसी को सुअर पसंद हैं. चलिए ये भी छोड़िये क्या कभी सुना हैं कि कोई सुअर देखने के लिए लाखो रुपए खर्च कर दे. यहां तक क‍ि लग्‍जरी होटल का रूम किराये पर ले. शायद नहीं. मगर चीन में ऐसा हो रहा है. यहां लोगों को सुअरों को करीब से देखना इतना पसंद है कि वे इसके लिए एक लाख रुपये तक देने के लिए तैयार हैं. उस होटल रूम को किराये पर ले रहे हैं जिसकी ख‍िड़कियों से यह दुर्लभ सुअर दिखाई देते हैं.
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पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत में थीम पार्क एक होटल बनाया गया है, जो बिल्‍कुल महल की तरह नजर आता है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है, ताकि इसकी ख‍िड़कियों से जमीन पर मौजूद सुअरों को देखा जा सके. इसका वीडियो चीन की सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. आप सोच रहे होंगे कि सुअर कोई क्‍यों देखना चाहेगा. दरअसल, यह बेहद दुर्लभ और सबसे मूल्यवान सूअरों में से एक हैं, जिनसे फेमस और पारंपरिक डिश जिन्हुआ हैम बनती है. देखने में यह विशालकाय पांडा नजर आता है.
पार्क को लोग जिन्‍हुआ का ड‍िज्‍नीलैंड भी बोलते
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साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह पार्क ‘पांडा पिग’ नाम के सूअरों की नस्ल को प्रमोट करने के लिए साल 2021 में खोला गया था. इस पार्क को लोग जिन्‍हुआ का ड‍िज्‍नीलैंड भी बोलते हैं. जो सुअर यहां से नजर आते हैं उनका सिर और पूंछ वाला ह‍िस्‍सा काले रंग का होता है. इस नस्‍ल को मूल रूप से टू-एंड ब्लैक पिग कहते हैं, और तकरीबन 1200 वर्षों से यह चीन में मौजूद हैं. इसे जिन्हुआ ड्राई-क्योर्ड हैम का पारंपरिक स्रोत भी माना गया है. जो इटली के प्रोसियुट्टो डी पर्मा और स्पेन के जामोन इबेरिको का मुकाबला करता है. ये दोनों डिश भी सुअरों से ही बनाई जाती है.
सिर्फ 80 हजार सुअर ही बचे
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रिपोर्ट के मुताबिक, इटली के व्‍यापारी और राजदूत मार्को पोलो 13वीं सदी में जिन्हुआ से ड्राई-क्योर्ड हैम का सीक्रेट यूरोप लेकर गए थे. उसके बाद से यह पूरी दुनिया में मशहूर हो गई. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नस्‍ल के सुअर अब सिर्फ 80 हजार तक ही बचे हैं, जो सुअरों की कुल आबादी का सिर्फ 3 फीसदी है. इसल‍िए इन्‍हें बेहद दुर्लभ माना जाता है. यही वजह है कि लोग इन्‍हें देखने के लिए आते हैं क्‍योंकि इस होटल के निचले हिस्‍से में एक पार्क है, जहां कुछ सुअर रखे गए हैं. आप जानकर हैरान होंगे कि इस होटल के एक कमरे का किराया 8888 युआन यानी तकरीबन 1,00,936 रुपये है. यहां से लोग देख तो सकते हैं लेकिन उसकी गंध नहीं पहुंचती.
पांडा सुअर घर ले जाने की अनुमत‍ि
इकोनॉमिक डेली की एक रिपोर्ट के अनुसार, जो मेहमान सुअर देखने के लिए लक्जरी कमरा बुक करते हैं, वे एक पांडा सुअर भी घर ले जा सकते हैं. इतना ही नहीं, अगर वे 68111 रुपये और चुकाते हैं तो एक साल तक पोर्क का आनंद भी ले सकते हैं. 2016 में जिंहुआ सरकार ने दो-छोर वाले काले सुअर की नस्ल के विकास के लिए अनुसंधान पर पांच मिलियन युआन खर्च किए.इनके बारे में लोगों को बताने के लिए ही यह थीम पार्क विकसित किया गया है.

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।