घर की तीन चीजें सुख लाती हैं। पहली घर का रंग, दूसरी घर की तरंग और तीसरी घर मं रहने वाले लोग। अगर इनमें से दो चीजें भी अच्छी है तो किसी भी घर में सुख शांत हमेशा बनी रहेगी। कभी भी घर में कोई वाद विवाद, बीमारियां और कलह क्लेश नहीं होते हैं।
अगर ये तीनों नहीं हों तो ये सब चीजें आपके घर में होंगे। कई बार लोग कुछ ऐसी चीजें अपने घ्ज्ञर में ले आते हैं जिसके बाद उनके घर में कलह और क्लेश बना रहता है। इतना ही नहीं आपके घर में खास लोग आ रहे हैं तब भी क्लेश हो जाता है।
कैसे ठीक रखें घर के रंग को?
हल्के और खूबसूरत रंग ही घर में कराने चाहिए।
हल्का पीला, गुलाबी या हरा रंग ही अपने लिविंग एरिया में करवाएं।
शुभ होता है रसोई में नारंगी रंग
गुलाबी, बैगनी या हरे रंग के हल्के शेड्स अपने बेड रूम में कराना चाहिए।
हर हाल में सफेद ही छत का रंग रखना चाहिए।
अपने घर की दीवारों पर नीले या नीले रंग के शेड्स को कम ही इस्तेमाल करें।
कैसे ठीक रखें घर की तरंग को?
घर की तंरग सामान और लोगों से बनती है।
अनुपयोगी चीजें अपने घर में बिल्कुल भी नहीं रखें।
आवागमन अपने घर में प्रकाश और हवा का सही रखें।
बासी खाना, अनुपयोगी जूते-चप्पल घर की तरंग को खराब कर देता है।
घर की तंरग को तेज ध्वनि का संगीत, चीखना चिल्लाना और अस्त व्यस्तता को खराब कर देता है।
घर की तरंग सुबह-शाम पूजा अर्चना से, सुगंध से और मन्त्र जाप से अच्छी रहती है।
अमावस्या पर घर की पूरी सफाई जरूर करनी चाहिए।
घर में संयुक्त रूप से पूजा अर्चना सप्ताह में एक दिन जरूर कराएं।
क्या ध्यान घर के लोगों को देना चाहिए?
लोगों का व्यवहार और स्वभाव बहुत अहम होता है।
घर की तरंगें और भाग्य दोनों घर के लोगों से बनता है।
घर के लोग व्यवहार एक दूसरे के साथ सही रखें।
आलस्य और अपशब्दों का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करें।
मदिरापान और जुआ घर में ना खेलें।
व्यवस्थित से घर के सामान को रखें।