भगवान शनि इंसानों को उनके क्रमों के अनुसार फल देते हैं। जैसा कर्म वैसा ही फल,भगवान शानि देव गलत काम करने वाले व्यक्ति को दंड देने से भी नहीं चुकते।शनि कर्मों के अनुसार जातकों को फल देते हैं। इसलिए उन्हें न्यायाधीश और कर्मफलदाता कहा जाता है। कुंडली में शनि मजबूत हो तो व्यक्ति जीवन में तरक्की करता है। वहीं शनि कमजोर हो तो जातक के जीवन में कई समस्याएं आती है। शनिदेव से जुड़े कुछ उपायों को करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि शनि देव के लिए कौन से उपाय करना चाहिए।
1 . शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पहले कड़वे तेल का दीपक प्रज्जवलित करके दूध और धूपादि अर्पित करना चाहिए।
2. काली गाय की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। उसके शीश पर रोली और सींगों में कलावा बांधकर धूप-आरती करनी चाहिए। फिर परिक्रमा करके गाय को बूंदी के लड्डू खिलाने से शनि का दोष कम होता है।
3. शनिवार के दिन अपने हाथ के नाम का 19 हाथ लंबा काला धागा बंटकर, माला की भांति गले में पहनें। इस प्रयोग से शनि की अनिष्टता शांत होती है।
4. कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो शनिवार को सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाएं, इससे कभी भी धन, वैभव और यश में कमी नहीं आती।
5. शनिवार के दिन भूलकर भी चमड़े के काले जूते न खरीदें, क्योंकि इससे आपके काम में असफलता के योग बढ़ जाते हैं। यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है या फिर शनि की ढैय्या चल रही है तो नए जूते इस दिन खरीदने से बचें।
6. शनिवार की रात में काले चने पानी में भिगो दें। शनिवार को ये चने, कच्चा कोयला, लोहे की पत्ती एक काले वस्त्र में बांधकर मछलियों के मध्य डाल दें। एक साल तक प्रत्येक शनिवार को यह उपाय करें। इसके फलस्वरूप शनि कोप सांत होता है।
7. कांसे की कटोरी में तिल का तेल भरें। उसमें अपना प्रतिबिंब देखकर तेल का दान करें।