Human Brain Chip Implant: इंसानी दिमाग में लगी चिप ऐसे करेगी काम
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Human Brain Chip Implant: इंसानी दिमाग में लगी चिप ऐसे करेगी काम

Human Brain की कंपनी न्यूरालिंक ने घोषणा की है कि उसने इंसानी दिमाग में पहली बार चिप प्रत्यारोपण किया है। यह ट्रायल सफल रहा है और मरीज की हालत में सुधार हो रहा है। ट्रायल में 30 वर्षीय एक व्यक्ति ने हिस्सा लिया, जिसे लकवा था। चिप को व्यक्ति के मस्तिष्क के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में प्रत्यारोपित किया गया था। इस क्षेत्र में सोच, भावना और भाषा से संबंधित कार्य होते हैं। ट्रायल के दौरान, चिप ने मस्तिष्क से संकेत भेजे और प्राप्त किए। इन संकेतों का उपयोग मरीज की लकवाग्रस्त मांसपेशियों को नियंत्रित करने के लिए किया गया। न्यूरालिंक का कहना है कि यह ट्रायल मस्तिष्क और कंप्यूटर के बीच संचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भविष्य में, इस तकनीक का उपयोग लकवा, पार्किंसंस रोग और अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है।

न्यूरालिंक की चिप कैसे काम करती है?

Human Brain Chip  ये इलेक्ट्रोड मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को उत्तेजित करने या उनसे संकेतों को पढ़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
चिप: चिप में एक कंप्यूटर होता है जो मस्तिष्क से प्राप्त संकेतों को संसाधित करता है।
इलेक्ट्रोड मस्तिष्क के सतह पर छोटे छेदों के माध्यम से प्रत्यारोपित किए जाते हैं। चिप मस्तिष्क के अंदर एक छोटी सी चीरा के माध्यम से प्रत्यारोपित की जाती है।

न्यूरालिंक के भविष्य के लक्ष्य

Human Brain Chip न्यूरालिंक का लक्ष्य मस्तिष्क और कंप्यूटर के बीच संचार को और अधिक सहज बनाना है। कंपनी का मानना है कि इस तकनीक का उपयोग लोगों को कंप्यूटर और अन्य उपकरणों के साथ अधिक आसानी से बातचीत करने में मदद करने के लिए किया जा सकता है। कंपनी भविष्य में चिप के आकार को छोटा करने और इसे प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को कम आक्रामक बनाने पर भी काम कर रही है।

न्यूरालिंक के ट्रायल के संभावित प्रभाव

Human Brain Chip न्यूरालिंक के ट्रायल के संभावित प्रभाव दूरगामी हो सकते हैं। यह तकनीक लकवा, पार्किंसंस रोग और अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज में क्रांति ला सकती है। इसके अलावा, इस तकनीक का उपयोग कंप्यूटर और अन्य उपकरणों के साथ अधिक आसानी से बातचीत करने के लिए भी किया जा सकता है। यह लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता रखता है। मानव मस्तिष्क चिप प्रत्यारोपण एक ऐसी तकनीक है जिसमें इंसान के मस्तिष्क में एक छोटी सी चिप प्रत्यारोपित की जाती है। यह चिप मस्तिष्क और कंप्यूटर के बीच संचार करने में मदद करती है। मानव मस्तिष्क चिप प्रत्यारोपण के कई संभावित लाभ हैं। इसका उपयोग लकवा, स्ट्रोक, और पार्किंसंस रोग जैसी बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है। इसे कंप्यूटर के साथ सीधे संवाद करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे लोगों को अपनी सोच को कंप्यूटर में नियंत्रित करने की अनुमति मिलती है।

मानव मस्तिष्क चिप कैसे काम करती है?

Human Brain Chip इलेक्ट्रोड: ये इलेक्ट्रोड मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को उत्तेजित करने या उनसे संकेतों को पढ़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं।  चिप में एक कंप्यूटर होता है जो मस्तिष्क से प्राप्त संकेतों को संसाधित करता है।
इलेक्ट्रोड मस्तिष्क के सतह पर छोटे छेदों के माध्यम से प्रत्यारोपित किए जाते हैं। चिप मस्तिष्क के अंदर एक छोटी सी चीरा के माध्यम से प्रत्यारोपित की जाती है।

मानव मस्तिष्क चिप प्रत्यारोपण के संभावित लाभ

Human Brain Chip मानव मस्तिष्क चिप प्रत्यारोपण के कई संभावित लाभ हैं। इसका उपयोग लकवा, स्ट्रोक, और पार्किंसंस रोग जैसी बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है। लकवा के रोगियों में, मानव मस्तिष्क चिप कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के साथ संचार करके हाथ और पैरों की गति को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। स्ट्रोक के रोगियों में, मानव मस्तिष्क चिप मस्तिष्क के क्षतिग्रस्त हिस्सों को पुनर्निर्माण करने में मदद कर सकती है। पार्किंसंस रोग के रोगियों में, मानव मस्तिष्क चिप मस्तिष्क को नियंत्रित करने वाले न्यूरॉन्स को उत्तेजित करके गतिशीलता में सुधार करने में मदद कर सकती है।मानव मस्तिष्क चिप का उपयोग कंप्यूटर के साथ सीधे संवाद करने के लिए भी किया जा सकता है। इससे लोगों को अपनी सोच को कंप्यूटर में नियंत्रित करने की अनुमति मिलती है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति मानव मस्तिष्क चिप का उपयोग करके कंप्यूटर को लिखने, बात करने, या यहां तक ​​कि वीडियो गेम खेलने के लिए कर सकता है।

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