जहां आज भरपेट खाने के लिए 100 से 150 रूपये खर्च करने पड़ते हैं, वहीं, मध्य प्रदेश के दमोह में एक ऐसा होटल है जहां आज भी मात्र 25 रूपये में लोगों को भरपेट खाना मिलता है। ये बात सुनकर शायद आपको यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन ये सच है। जहां बदलते वक्त के साथ अब बुंदेली व्यंजनों को बनाना और उनका स्वाद मिलना कम हो गया है, वहीं इस होटल में आपको बुंदेली व्यंजनों का स्वाद मिलता है।
दरअसल, दमोह में ब्रिटिश काल का होटल आज भी है। ये होटल किसी पहचान का मोहताज नहीं है क्योंकि ये जिले का पहला होटल भी रहा है। पिछले 63 सालों से एक दुबे परिवार लंगड़ा नाम से होटल को चला रहा है। यहां के चटपटे मसाले खाने को स्वादिष्ट बना देते हैं, साथ ही यहां पर पकने वाला खाना 100 प्रतिशत शुद्ध होता है। लंगड़ा होटल की स्कीम सुनकर आप चौक जाएंगे।
वैसे आमतौर पर आपने एक पर एक फ्री वाली स्कीम के बारे में तो सुना होगा। तो आपको बता दे कि इस होटल की खासियत है कि यहां पर आने वाले लोगों को एक के साथ एक डिश फ्री मिलती है। जैसे अगर आप रोटी लेते हैं तो आपको उसके साथ सब्जी फ्री मिलेगी। वैसे ही सब्जी के साथ रोटी फ्री मिलती है। यहां मात्र 25 रूपये में लोगों को भरपेट खाना मिल जाता है, इसलिए इसे होटल को गरीबों की रसोई भी कहा जाता है।
ये होटल अपने खास अंदाज के लिए पूरे इलाके में मशहूर है। यहां पर चूल्हे पर सिकी रोटियां, सब्जी, दाल और चावल में सोंधेपन का स्वाद होता है। लगातार तीन पीढ़ियों से संचालित लंगड़ा होटल में केवल मेहनताना लेकर भूखों को भोजन कराया जाता है। होटल का नाम काफी अजीब है और आखिर ये नाम क्यों रखा गया। आइए बताते हैं।
शहर के बकौली चौक से टॉकीज तिराहा जाने वाले मार्ग पर तीन पीढ़ियों से लगातार चल रहे इस होटल के वर्तमान मालिक ने संजीव दुबे ने बताया है कि उनके दादा मोहनलाल दुबे ने सन 1970 के करीब जहां वर्तमान में बहराम टॉकीज है उसके बाजू से होटल चालू की थी। दादा जी का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनका एक हाथ कट गया तभी से उन्होंने इस होटल का नाम लंगड़ा होटल रख दिया था।