उत्तर प्रदेश के देवरिया जिल में कुछ घंटों के भीतर ही दो सगे भाइयों की मौत से गांव में कोहराम मच गया था। दोनों भाइयों की अलग-अलग सड़क हादसों में जान चली गई थी। छोटा भाई मोटरसाइकिल पर निमंत्रण से घर लौट रहा था कि बिहार के जीरादेई में सड़क हादसा हो गया था और जान चली गयी थी। जब ये खबर बड़े भाई को मिली तो वो तुरंत कार लेकर देवरिया से निकल गया था।
मगर रास्ते में उन्नाव के पास कार का पहिया ब्लास्ट होने से कार अनियंत्रित हो गई और बड़े भाई की भी मौत हो गई थी। इस तरह चंद की घंटो के फर्क के बीच दोनों मौत से परिवार बुरी तरह सदमें में थे और परिवालों के साथ-साथ पूरा गांव इस दर्दनाक घटना से स्तब्ध रह गया था। दोनों भाईयों की मौत की खबर देवरिया ही नहीं बल्कि आस-पास के कई जिलों में लोग हतप्रभ रह गए थे।
थाना भाटपाररानी के छतरपुर गांव के रहने वाले दिवंगत भगीरथी गौड़ के पांच बेटे हैं. जिनके नाम रमाशंकर गौड़, उमाशंकर गौड़, गौरी गौड़, सीताराम गौड़ और दिलीप गौड़ हैं। 45 साल के दिलीप गौड़ गांव के ही अपने साथी रामकेवल शर्मा के साथ मोटरसाइकिल से बिहार के जीरादेई निमंत्रण में गए थे। देर शाम दोनों वापस लौट रहे थे कि विजयीपुर चौराहे के पास अज्ञात वाहन की चपेट में आने से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
दोनों घायलों को मैरवा के नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां दिलीप को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उसकी मौत की खबर जब परिवारवालों ने कानपुर में रह रहे दूसरे नंबर के भाई उमाशंकर गौड़ को दी, तो वो उसी रात अपनी फैमली के साथ कार में गांव के लिए निकल पड़े थे। मगर शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था और रास्ते में कार में ब्लास्ट होने से 65 साल के बड़े भाई की भी मौत हो गई थी।