मुलेठी के हानिकारक प्रभाव
अन्य रोगों में उपचार …
1.पेट के घाव
मुलेठी पेट में बन रहे एसिड का जड़ से खत्मा कर देती है और ये अल्सर के रोग से भी बचाती है। पेट के घाव की यह सफल औषधि में से एक है। मुलेठी का सेवन लंबे समय तक नहीं करना चाहिए। इसे बीच-बीच में बंद कर देना चाहिए। मुलेठी को पीसकर घी के साथ चूर्ण के रूप में सेवन करें ये हर तरह के घावों पर बांधने में आपकी मदद करता है।
2.खांसी और कफ का इलाज करे
मुलेठी के औषधीय गुण खांसी की दवा का भी बेहतर तरीके से काम करते हैं। खांसी होने पर अगर बलगम मीठा व सूखा होता है तो बार-बार खांसने पर बड़ी मुश्किल से निकल पाता है। जब तक गले से बलगम नहीं निकल जाता है तब तक रोगी खांसता ही रहता है। खांसी से निजात पाने के लिए आप 2 कप पानी में 5 ग्राम मुलेठी का चूर्ण डालकर उसे इतना उबाल लें कि पानी आधा कप बच जाए। इस पानी को आधा सुबह और आधा शाम को सोने से पहले पी लें। इससे कफ पतला होकर बड़ी आसानी से निकल जाएगा साथ ही खांसी की परेशानी भी दूर होगी।
3.नपुंसकता
रोजाना मुलेठी चूसने से नपुंसकता दूर हो जाती है। 10 ग्राम मुलेठी का पिसा हुआ चूर्ण,घी और शहद में मिलाकर चाटने से और ऊपर से मिश्री मिले गर्म-गर्म दूध को पीने से नपुंसकता का रोग कुछ ही समय में कम से कम हो जाता है। 10-10 ग्राम मुलेठी,विदारीकंद,तज,लौंग,गोखरू,गिलोय और मूसली को लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इसका 40 दिनों तक सेवन करने से नपुंसकता का रोग दूर हो जाता है।
4.जालन में राहत
मुलेठी और लालचंदन पानी के साथ घिसकर शरीर पर लेप लगाने से जलन दूर होती है।
5.एसिडिटिज की परेशानी से छुटकारा दिलाए
खाना खोन के बाद अगर आपको भी खट्टी डकारें आती हैं या फिर जलन होती है तो मुलेठी चूसने से लाभ मिलता है। खाना खाने से पहले मुलेठी के 3 छोटे-छोटे टुकड़े 15 मिनट तक चूसें और फिर खाना खाएं।
6.कब्ज़ में राहत
करीब 125 ग्राम पिसी हुई मुलेठी 3 चम्मच पिसी हुई सोंठ,2 चम्मच पिसे गुलाब के सूखे फूल को 1 गिलास पानी में उबाल लें। जब ये ठंडा हो जाए तो इसे छानकर सोते वक्त रोजाना पीने से पेट में जमा आंव बाहर निकल जाता है। 5 ग्राम मुलेठी को गुनगुने दूध के साथ सोने से पहले पीने से सुबह शौच साफ आता है इसी के साथ कब्ज दूर होती है।
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