अंग्रेजी का एक शब्द है ‘कंसेंट’, जिसका मतलब होता है कि संबंध बनाने से पहले पार्टनर की सहमति ली जाये। इस शब्द पर देश और दुनिया में चर्चाएं चलती रहती हैं, परंतु इस पृथ्वी पर ऐसा भी जीव है जो अपने पार्टनर को बेहोश करने के बाद संबंध बनाता है। ऑक्टोपस समुद्री जीवों की सबसे रहस्यमयी और बुद्धिमान प्रजातियों में से एक है।
इनके अनोखे व्यवहार और अद्वितीय जैविक विशेषताओं के कारण वैज्ञानिक हमेशा इनके अध्ययन में रुचि रखते हैं। हाल ही में, शोधकर्ताओं ने नर ऑक्टोपस के एक चौंकाने वाले व्यवहार का खुलासा किया है—संभोग के दौरान मादा को विषाक्त करना। यह व्यवहार समुद्री जीवन की जटिलता और विकसित प्रजनन रणनीतियों को दर्शाता है।
ऑक्टोपस की जीवनशैली और प्रजनन व्यवहार
ऑक्टोपस एक अकेला जीवन व्यतीत करने वाला जीव है, जो केवल प्रजनन के समय साथी की तलाश करता है। अधिकांश ऑक्टोपस की जीवन अवधि छोटी होती है—लगभग 1 से 2 वर्ष। इनके जीवन का अंतिम चरण प्रजनन से जुड़ा होता है, जिसके बाद नर और मादा दोनों की मृत्यु हो जाती है। नर ऑक्टोपस अपने हेक्टोकॉटिलस (Hectocotylus) नामक विशेष प्रजनन भुजा के माध्यम से मादा के शरीर में शुक्राणु स्थानांतरित करता है। कुछ प्रजातियों में यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण होती है, जबकि कुछ में यह आक्रामक और खतरनाक साबित होती है।
नर ऑक्टोपस द्वारा मादा को विषाक्त करने की प्रक्रिया
कुछ विशेष प्रकार के नर ऑक्टोपस संभोग के दौरान मादा को एक प्रकार का विष (toxin) इंजेक्ट करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य प्रजनन के बाद मादा को मारना या उसकी गतिविधियों को सीमित करना होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह व्यवहार मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से विकसित हुआ है
1. प्रतिस्पर्धा को कम करना – अगर मादा ऑक्टोपस लंबे समय तक जीवित रहती है, तो वह किसी अन्य नर के साथ भी संभोग कर सकती है, जिससे नर की संतानों की जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है।
2. भविष्य की संतान को सुरक्षित रखना – मादा ऑक्टोपस संभोग के बाद अंडों की देखभाल करती है। यदि वह लंबे समय तक जीवित रहती है, तो वह भोजन की कमी या अन्य कारणों से नर की संतानों को नुकसान पहुंचा सकती है।
3. संभोग के दौरान आत्मरक्षा – कुछ आक्रामक मादा ऑक्टोपस संभोग के दौरान नर को मार सकती हैं, इसलिए नर कभी-कभी विषाक्त पदार्थ का उपयोग करके मादा को कमजोर करने की कोशिश करता है।
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कौन-सी ऑक्टोपस प्रजातियाँ ऐसा व्यवहार दिखाती हैं?
सभी ऑक्टोपस प्रजातियों में यह व्यवहार नहीं पाया जाता है, लेकिन ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस (Blue-Ringed Octopus) जैसी कुछ प्रजातियाँ, जो पहले से ही जहरीली होती हैं, अपने विष का उपयोग संभोग व्यवहार में भी करती हैं। कुछ अन्य प्रजातियों में भी नर ऑक्टोपस मादा को संभोग के दौरान या बाद में नुकसान पहुँचाते हैं।
वैज्ञानिकों की राय
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह व्यवहार प्राकृतिक चयन और विकासवाद (evolution) का हिस्सा है। नर ऑक्टोपस की प्राथमिकता यही होती है कि उसके जीन अधिक से अधिक अगली पीढ़ी तक पहुँचें। यदि मादा अधिक समय तक जीवित रहती है और अन्य नर से भी संभोग करती है, तो यह नर के लिए हानिकारक हो सकता है। इसीलिए, विषाक्त पदार्थ का उपयोग एक प्रजनन रणनीति के रूप में किया जाता है। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है, क्योंकि सभी प्रजातियों में यह व्यवहार समान रूप से नहीं पाया जाता। वैज्ञानिक इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या यह विषाक्त पदार्थ केवल मादा को कमजोर करने के लिए होता है या वास्तव में उसे मारने के लिए।
ऑक्टोपस का जीवन रहस्यमयी और अद्भुत होता है। नर ऑक्टोपस का मादा को विषाक्त करना समुद्री जीवों की जटिल प्रजनन रणनीतियों का एक अनोखा उदाहरण है। यह व्यवहार प्रतिस्पर्धा, आत्मरक्षा और जीन को सुरक्षित रखने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। हालांकि, प्रकृति में हर चीज का एक संतुलन होता है, और इस प्रक्रिया से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। भविष्य में इस विषय पर और अधिक शोध किए जाएंगे, जिससे यह समझने में मदद मिलेगी कि समुद्री जीवों के व्यवहार में ऐसे परिवर्तन क्यों आते हैं और उनका पारिस्थितिकी तंत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है।