इस पूर्णिमा की तिथि की शुभ शुरुआत 4 मई को रात 11 : 45 बजे होगी। और समाप्ति अगलेदिन 5 मई को 11 : 5 बजे होगी।
हिंदू धर्म में माना जाता है कि भगवान विष्णु ने इस दिन अपना नौवां अवतार इस पृथ्वी पर लिया था। इसलिए इस दिन को बहुत पवित्र माना जाता है। वहीं दूसरी तरफ इसी दिन गौतम बुद्ध जी के जन्म के साथ साथ उनको सत्य के ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
बुद्ध पूर्णिमा़ व्रत विधि
इस दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें। पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें। स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए । अंत में दान-दक्षिणा दें।
हिंदू धर्म में माथे पर तिलक लगाना शुभ माना जाता है। रोजाना तिलक लगाने से दिन अच्छा और हर काम सफल होते है। हिन्दु धर्म में तिलक लगाने के कई फायदे बताए गए हैं। माना जाता है कि राशि के अनुसार तिलक लगाने से हर काम में तरक्की मिलती है। साथ ही ग्रहों के बुरे प्रभाव का भी असर कम होता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन यदि माथे पर तिलक लगाया जाए तो बहुत ही शुभ होगा।
जो लोग इस दिन व्रत आदि नहीं रख रहें और जो इस दिन व्रत रख रहे है वो इस दिन सफेद चंदन का टीका माथे पर जरुर लगाएं, सफेद चंदन का तिलक माथे पर लगाने से आपको आर्थिक समृद्धि प्रदान होगी।