भारतवर्ष में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। दुनिया में गणपति बप्पा को घर में लाने की तैयारियां खूब जोरो-शोरों से चल रही हैं। हर कोई अलग-अलग तरीके की गणपति बप्पा की प्रतिमा को अपने घर में स्थापित कर रहे हैं।
बाजारों में हर तरफ गणेश चतुर्थी की बड़ी धूमधाम है। इसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक मनाई जाती है। इन दिनों भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है।
इस पर्व में सबसे खास और जरूरी काम होता है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित कर उनकी पूजा करना तो चालिए आपको इससे जुड़ी कई और खास बातों को बताएंगे।
इस प्रकार करें गणपति की स्थापना
गणपति की स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह् में की जाती है। ऐसा माना जाता है कि गणपति का जन्म मध्याह् काल में हुआ था। साथ ही इस दिन चंद्रमा देखना वर्जित है।
-बाजार से खरीदरकर या आप अपने हाथ से बनी गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।
-गणपति की स्थापना करने से पहले स्नान करने के बाद नए या साफ घुले हुए वस्त्र पहनने चाहिए।
-इसके बाद आप अपने माथे पर तिलक लगाएं और पूर्व दिशा की ओर मुंह रखकर आसन पर बैठ जाएं। ध्यान रहे आप जिस आसन पर बैठ रहे हैं वह कटा-फटा नहीं होना चाहिए। आप पत्थर के आसन का उपयोग न करें।
-बप्पा की मूर्ति को किसी लकड़ी के पटरे या गेंहू,मंूग,ज्वार के ऊपर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।
-गणपति की प्रतिमा के दाएं-बाएं रिद्घि-सिद्घि के प्रतीक स्वरूप एक-एक सुपारी रख दें।
गणेश चतुर्थी की पूजन विधि
गणपति की स्थापना के बाद सबसे पहले घी का दीपक जलाएं। फिर गणेश जी का ध्यान करने के बाद उनका आह्वन करें। बाद में गणेश जी को स्नान कराएं। इसके बाद गणेश जी को वस्त्र चढ़ाएं। फिर बप्पा की मूर्ति पर सिंदूर, चंदन, फूल और फूलों की माला अर्पित करें।
अब नैवेद्य चढ़ाएं। नैवेद्य में मोदक, मिठाई, गुड़ और फल शामिल हैं। इसके बाद गणपति को नारियल और दक्षिण प्रदान करें। अब अपने परिवार के साथ गणपति की आरती करें।