दिल्ली में आयोजित होने वाले G20 शिखर सम्मेलन से शहर के दूरसंचार बुनियादी (Telecom Infrastructure) ढांचे में सुधार किया जाएगा। सरकार के अनुसार, मोबाइल फोन उपयोगकर्ता राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के दौरान और उसके बाद बेहतर 5G कनेक्शन और कम कॉल ड्रॉप की उम्मीद कर सकते हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश में 5G आने के बाद से दिल्ली के 5G इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) में तेजी से सुधार हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, शहर के केंद्र में कई बेस ट्रांसीवर स्टेशनों (बीटीएस) की स्थापना बेहतर मोबाइल कनेक्शन के प्राथमिक कारणों में से एक है। सिर्फ जनवरी महीने में शहर के केंद्र में 5,718 5जी (BTS) लगाए गए। वर्तमान में, 10,662 (BTS) सेवा में हैं।
G20 शिखर सम्मेलन के प्राथमिक स्थल प्रगति मैदान में, पूरे भारत मंडपम परिसर (Bharat Mandapam complex) में मुफ्त वाई-फाई सेवा उपलब्ध होगी। जिससे सभी शिखर सम्मेलन में उपस्थित लोगों को बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी का लाभ होगा।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि G20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत आने वाले विदेशी नागरिकों, गणमान्य व्यक्तियों (dignitaries) और अधिकारियों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े, मोबाइल फोन कनेक्शन जारी करने के नियमों में ढील दी गई है।
संचार मंत्रालय (Ministry of Communications) ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा था कि सत्यापन पासपोर्ट के आधार पर किया जाएगा। नए कनेक्शन का अनुरोध करते समय विदेशी मेहमानों के लिए बैकअप नंबर प्रदान करना थोड़ा कठिन है, जो नियमों को ढीला करने का मुख्य कारण है। सरकार के मुताबिक, केवल G20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने वाले विदेशी नागरिकों और सरकारी प्रतिनिधियों को ही यह छूट दी जाएगी।
G20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने पर विदेशी पर्यटकों को यह भी पता चलेगा कि हमारा देश पूरी दुनिया में सबसे कम कीमत पर मोबाइल डेटा प्रदान करता है। सस्ते डेटा की बदौलत उपयोगकर्ता अधिक से अधिक इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं। रिलायंस जियो के आंकड़ों के मुताबिक, प्रत्येक यूजर हर महीने करीब 25GB डेटा खर्च करता है।