नाग पंचमी का त्योहार प्रतिवर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग पूजन करने के साथ उन्हें दूध पिलाने की भी परंपरा है। माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन नाग पंचमी के दिन कुछ कामों को करने की मनाही होती है। जानिए इस दिन कौन से काम करने चाहिए और कौन से नहीं करने चाहिए।
इस बार नाग पंचमी 21 अगस्त को मनाई जाएगी।मान्यतानुसार, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक शक्ति, अपार धन और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है
हिंदू पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन पंचमी तिथि की शुरुआत 21 अगस्त को रात 12 बजकर 21 मिनट पर होगी और पंचमी तिथि का समापन 22 अगस्त को रात 2 बजे होगा. नाग पंचमी का पूजा मुहूर्त सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
अवधि – 02 घंटे 36 मिनट
नाग पंचमी के दिन न करें ये काम
नाग पंचमी के दिन व्रत रखते समय भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा करना चाहिए।
नाग पंचमी के दिन गलती से भी जमीन की खुदाई या खेत में हल नहीं चलाना चाहिए. इस दिन ऐसा करना काफी अशुभ माना जाता है।इसके अलावा इस दिन साग भी नहीं तोड़ना चाहिए।
नाग पंचमी के दिन सुई या किसी नुकीली चीज के इस्तेमाल से बचना चाहिए। खासतौर पर इस दिन सुई धागे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करना काफी अशुभ माना जाता है।
नाग पंचमी के दिन तांबे के लोटे में जल या दूध लेकर नाग देवता को अर्पित करना शुभ होगा।
इन कामों को करने से बचना चाहिए इसके साथ एक काम और है जो आपकी रसोई घर से जुड़ा है।हिंदू धर्म के निमयों के अनुसार नागपंचमी के दिन रसोई में तवा रखने और रोटी बनाना वर्जत है। रोटी बनाने वाला बर्तन तवा को राहु का रूप माना जाता है। इस दिन खाना बनाने के लिए कढ़ाई या पतीले जैसे बर्तनों के उपयोग की परंपरा है।
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन धन की देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं।इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन घर में कच्ची रसोई निषेध है। इस दिन खीर और पूरी बनाने का नियम है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर खाने से अमृत पान का लाभ मिलता है।