यदि इंसान के जीवन में किसी भी तरह की कोई परेशानी चल रही हो तो बुधवार के दिन सूर्यास्त के बाद इस गणेश तांत्रिक मंत्र का जप इस विधि से सिर्फ एक बार कर लेना चाहिए। यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध होकर जपकर्ता की सभी मनोकामनाएं पूरी करने लगता है।
इस बात का आप खास ख्याल रखें कि जिस स्थान पर उक्त तांत्रिक गणेश मंत्र का जप करें वह जगह शांत और पवित्र होनी चाहिए। तब यह मंत्र जल्दी ही सिद्घ हो जाता है। तो आइए जानते हैं भगवान गणेशजी को कौन से तांत्रिक मंत्र को जम करने से सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है।
तांत्रिक गणेश मंत्र जप विधि
बुधवार के दिन अपने घर में ही या फिर किसी गणेश मंदिर में इस मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए। जप से पहले साफ जगह पर कुशा या कंबल के आसन पर बैठकर भगवान गणेशजी विधिवत षोडशोपचार पूजन करें। साथ ही गाय के घी का एक दीपक जलाएं। ध्यान रखें जब तक मंत्र जप चलता रहे तब तक उक्त दीपक भी जलते रहना चाहिए। पूजा करने के बाद मोती या स्फटीक की माला से ग्यारह सौ बार जप करना है। इस गणेश तांत्रिक का जप बुधवार के दिन सूर्यास्त के बाद करें।
इस तांत्रिक गणेश मंत्र के जप से पहले अपने गुरु का पूजा अवश्य करें। श्रीगणेश जी के साथ देवी रिद्घि और सिद्घि की भी पूजा करें। पूजा में गणेज जी के लिए मोदक,दुर्वा,ऋतुफल का भोग जरूर लगाएं। मंत्र जप के बाद श्री गणेश चालीसा और गणेश जी की आरती का पाठ जरूर करें। साथ ही बताए गए ग्यारह सौ बार तांत्रिक गणेश मंत्र का जप करने के बाद जरूरतमंद बच्चों को सफेद पेन,कॉपी आदि का दान अवश्य करें।
तांत्रिक गणेश मंत्र
ॐ गणपति यहाँ पठाऊ तहां जावो
दस कोस आगे जा
ढाई कोस पीछे जा
दस कोस सज्जे दस कोस खब्बे
मैया गुफ्फा की आज्ञा मन रिद्धि सिद्धि देवी आन
अगर सगर जो न आवे तो माता पारवती की लाज
ॐ क्राम फट स्वाहा।