सांप एक ऐसा जीव होता है जिसके देखने भर से कोई भी रास्ता बदल लेता है। कुछ तो ऐसे लोग है जो सांप का नाम भी सुनते है तो उनको डर सताने लगता है। साँप बहुत खतरनाक होते हैं। सांप को लेकर कई प्रकार की कहानी सामने आती है। कहा जाता है कि सांप भगवान शिव के सबसे प्रिय में से एक है, उनके गले में हमेशा सांप का वास करता है।
एक तरफ सांप के बारे में कुछ एसी कहानी जो सबसे अलग है। क्या आपके सामने ये सवाल आया है कि सांपों के पैर होते हैं? आपको बता दे आज तक साँपों के विकास का सबसे कम अध्ययन किया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सांपों के पूर्वजों के शरीर अधिक नाजुक होते थे और इसलिए उनके संरक्षित अवशेष, जीवाश्म कम होते हैं।
ऐसा माना जाता है कि सांपों का विकास वर्निडी परिवार की छिपकलियों से हुआ है। समय के साथ वर्निड्स के वंशजों ने अपने पैर खोना शुरू कर दिया, जिससे सांपों और छिपकलियों के बीच कई रूपों का जन्म हुआ।
जीवाश्म विज्ञानियों ने सांपों की चार ऐसी विलुप्त प्रजातियों की खोज करने में सफलता हासिल की है: यूपोडोफिस, हसीओफिस, पचिरैचिस और नजाश।अद्वितीय सरीसृप अपने अंग खोने से पहले भौगोलिक रूप से अलग-अलग पारिस्थितिक क्षेत्रों में विविधता ला रहे थे।
आपको आज जानकारी होगी की इस धरती पर सबसे बड़े और लम्बे सांप अजगर और ग्रीन एनाकोंडा होंगे, लेकिन इतिहास कहता है कि इससे भी बड़े सांप इओसीन युग के 33 फीट लंबा गिगेंटोफिस सांप हुआ करते थे।
पर इसका भी रिकॉर्ड दक्षिण अमेरिकी टाइटेनोबोआ द्वारा तोड़ दिया, जिसकी लंबाई 50 फीट से अधिक बताई जाती है। इन सांपो का इस धरती पर काफी लंबा समय चला और आज ये अपने समाप्ति की ओर बढ़ रहे है।
कहा जाता है ये अनोखे सरीसृप अपने अंग खोने से पहले ही विभिन्न पारिस्थितिक क्षेत्रों और भौगोलिक स्थानों में विविधता ला रहे थे। समय के साथ सब कुछ बदल गया और शायद यहीं वजह है कि आज सांपो के पास पैर हमे दिखाई नहीं देते है।