उत्तर प्रदेश की एक नगर पंचायत में कुछ अजीब घटित हो रहा है। वहां रहने वाले लोगों के पास पीने या उपयोग करने के लिए पानी नहीं है, लेकिन नगर पंचायत (जो एक छोटी सरकार की तरह है) अभी भी बिजली बिल के लिए हर महीने बहुत पैसा चुका रही है। गरीबी में आटा गीला वाली जो कहावत हैं वो बिलकुल सही साबित होते हुए नज़र आ रही हैं।
नगर पंचायत बभनान का मामला
दरअसल, ये कहानी बस्ती जिले के नगर पंचायत बभनान नाम के स्थान की है। वहां के लोगों को साफ पीने के पानी की जरूरत थी, इसलिए 2016 में शहर के जिम्मेदार लोगों ने पानी को सीधे लोगों के घरों तक और एक बड़े टैंक और पंप हाउस तक पहुंचाने के लिए भूमिगत पाइप बिछाने का फैसला किया। सब कुछ ठीक से काम करने के लिए उन्होंने बिजली भी जोड़ दी।
7 सालों से नहीं बुझी यहां लोगों की प्यास
इस गांव में 7 साल तक लोगों को पानी नहीं मिल रहा था क्योंकि यहाँ पाइप जगह-जगह से लीक हो रहे थे। लेकिन उस दौरान भी नगर पंचायत प्रशासन बिजली के लिए हर माह 1 लाख 35 हजार रुपये का भारी भरकम भुगतान कर रहा था. कुल मिलाकर, उन्होंने 90 महीनों में बिजली बिल के लिए 1 करोड़ 21 लाख 50 हजार रुपये का भुगतान किया। ये एक बहुत बड़ी और भारी कीमत हैं लेकिन इसके बावजूद भी लोगों को यहां पीने का साफ़ पानी तक नहीं मिल पाया।
आखिर कितने समय बाद कटा बिजली का कनेक्शन ?
नगर पंचायत बभनान में जहां इतने सालों से पीने के पानी को लेकर लोगो के सामने चुनौती थी, वहीं, नए निर्वाचित चेयरमैन द्वारा इस पर बड़ा कदम उठाया गया। नए निर्वाचित चेयरमैन प्रबल मलानी ने कहा कि जैसे ही मुझे इस बिजली बिल के भुगतान से सम्बंधित जानकारी मिली वैसे ही मैंने इसे तुरंत बंद करवा दिया और बिजली का कनेक्शन कटवाने के भी आदेश दे दिए। अब फिर से दोबारा बिजली का कनेक्शन तब ही किया जाएगा जब पाइप सही हो जाएगें और पानी की सप्लाई सही तरीके से चालू हो जाएगी।