झारखंड के वैद्यनाथ धाम में विदेशी दूल्हे संग देसी लड़की ने की हिन्दू रीति रिवाजों से शादी, लंदन से आयी बारात - Punjab Kesari
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झारखंड के वैद्यनाथ धाम में विदेशी दूल्हे संग देसी लड़की ने की हिन्दू रीति रिवाजों से शादी, लंदन से आयी बारात

प्यार का मिसाल देते हुए बिहार के भागलपुर जिले की जेना वत्स ने इतिहास रचा है। भारत में

प्यार का मिसाल देते हुए बिहार के भागलपुर जिले की जेना वत्स ने इतिहास रचा है। भारत में शादियां होना आम बात है भारतीय सभ्यता संस्कृति की अपनी अलग ही एक पहचान है। लेकिन ये शादी एक अनोखी शादी है, जहाँ लन्दन से लड़का बारात लेकर भारत आया तथा हिन्दू रीति रिवाज़ के अनुसार शादी रचाई।
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 दरअसल, भारत की ‘जेना वत्स’ तथा लन्दन के ‘सेम’ दोनों अच्छे दोस्त थे, धीरे-धीरे इनकी दोस्ती प्यार में बदल गई तथा दोनों साथ समंदर पार से भारत आकर झारखंड के वैद्यनाथ धाम मंदिर में शादी रचा ली। कहा जाता है कि जब किसी से प्यार होता है तो वो कोई जात-पात किसी सरहद को नहीं मानता है, जिनका प्रेम सच्चा होता है उसे ईश्वर भी मिला देते हैं। 
जेना वत्स भागलपुर जिले की रहने वाली हैं
जेना वत्स भागलपुर जिले के कहलगांव की रहने वाली हैं जो इंजीनियरी करने के बाद नौकरी के लिए लंदन गई थी। वहां उन्हें सेम नाम के व्यक्ति से प्यार हो गया। जेना का परिवार इन दिनों उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में रहने लगे है। जेना ने सात साल पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर के लन्दन के एक टेलीकॉम कंपनी में नौकरी करती थीं। जहाँ उन्हें सेम नाम के लड़के से प्यार हो गया था। दोनों ने जाती धर्म से ऊपर उठ कर शादी का फैसला किया, लेकिन दोनों की शादी में शरहदें आरे आ रही थी जिसे दोनों ने अपने प्यार में बाधा नहीं बनने दिया। 
उस वक्त कोरोना महामारी का दौर चल रहा था, जिसकी वजह से सब कुछ ठप हो गया था और उनके पासपोर्ट बनने पर रोक लग गई थी। जिसकी वज़ह से जेना की शादी 2 साल रुक गई थी। 
पिता तथा पुरोहित का बयान 
जेना के पिता का कहना था की वे इस शादी से बहुत ख़ुश हैं तथा जिसमें उनकी बेटी की ख़ुशी हो वो भी उसी में खुश हैं।
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आगे उन्होंने बताया की बेटी लन्दन से आना नहीं चाहती थी लेकिन जब उन्होंने देवघर का नाम बताया तो वो ख़ुशी-ख़ुशी शादी रचाने के लिए आने को तैयार हो गई। वहां के पुरोहित ने बताया कि, उन्हें पहली बार इस तरह की शादी देखने तथा कराने का सौभाग्य मिला। आगे पुरोहिन ने कहा कि हमें गर्व है की सनातन धर्म को एक विदेशी ने अपनाया। 

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