भारत के चाँद मिशन चंद्रयान 3 पर सभी की नजर लगतार बनी हुई है। आज चंद्रयान 3 ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आज से आने वाले 6 दिन भारत के लिए सबसे अहम रहने वाले है। आज चंद्रयान 3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर ‘विक्रम’ अलग हो गया है। जिसके बाद अब भारत चाँद के और करीब हो गया है। पर यहीं वो समय है, जो इसरो और सभी भारतीय के लिए अहम है।
अब चंद्रयान 3 में जितने भी स्टेज होंगे, वो काफी ही महत्वपूर्ण है। प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद, अंतरिक्ष यान का लैंडिंग चरण शुरू होगा, जहां अंतरिक्ष एजेंसी नरम लैंडिंग की सुविधा के लिए जटिल ब्रेकिंग युद्धाभ्यास की एक सीरीज शुरू करेगी।
लैंडर ‘विक्रम’ हुए अलग
आज चंद्रयान 3 ने बड़ी कामयाबी को हासिल करते हुए अपने आगे की यात्रा शुरू कर दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के साथ चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग कराने की तैयारी में है। अंतरिक्ष यान अब 23 अगस्त को निर्धारित चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। यह होने के बाद भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद इस मुकाम को हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
Chandrayaan-3 Mission:
‘Thanks for the ride, mate! 👋’
said the Lander Module (LM).LM is successfully separated from the Propulsion Module (PM)
LM is set to descend to a slightly lower orbit upon a deboosting planned for tomorrow around 1600 Hrs., IST.
Now, 🇮🇳 has3⃣ 🛰️🛰️🛰️… pic.twitter.com/rJKkPSr6Ct
— ISRO (@isro) August 17, 2023
रूस का चाँद मिशन
भारत के चंद्रयान 3 के बाद रूस ने भी सालों बाद अपना चाँद मिशन लूना 25 लॉन्च किया था। अब दावा किया जा रहा है कि रूस का मून मिशन इसरो के मिशन से पहले चंद्रमा पर ऊतर जाएगा। हालांकि लूना 25 के जगह के बारे में बताया जा रहा है कि वो चाँद के साऊथ पोल पर नहीं बल्कि उसके पास में लैंड करेगा।
काम करने के दिन
इसरो से मिली जानकरी के अनुसार भारत के चंद्रयान 3 एक चंद्र दिवस का होगा, जो पृथ्वी पर 14 दिनों के बराबर है। हालांकि भारत का प्रोपल्शन मॉड्यूल अपना काम करता रहेगा और पृथ्वी पर जानकारी भेजता रहेगा। वहीं रूस के चाँद मिशन की बात करें, तो वो साल भर काम करेगा।